• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को सूरज की सतह पर दिखी 1 लाख किलोमीटर ऊंची दीवार! 8 पृथ्वी के बराबर है ऊंचाई!

अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को सूरज की सतह पर दिखी 1 लाख किलोमीटर ऊंची दीवार! 8 पृथ्वी के बराबर है ऊंचाई!

NASA का कहना है कि सूरज पर पोल्स के पास मेग्नेटिक फील्ड बहुत ज्यादा शक्तिशाली है।

अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को सूरज की सतह पर दिखी 1 लाख किलोमीटर ऊंची दीवार! 8 पृथ्वी के बराबर है ऊंचाई!

Photo Credit: Instagram/Eduardo Schaberger

बताया गया है कि यह दीवार इनती ऊंची है कि 8 पृथ्वी को एक के ऊपर एक खड़ा किया जा सकता है। 

ख़ास बातें
  • 1 लाख किलोमीटर ऊंची प्लाज्मा की दीवार को सूर्य की सतह पर देखा गया
  • 8 पृथ्वी को एक के ऊपर एक खड़ा किया जा सकता है, इतनी ऊंची है दीवार
  • ये आकार सूरज की सतह पर इसके पोल के इर्द गिर्द दिखाई देते हैं।
विज्ञापन
अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को सूरज की सतह पर एक ऊंची दीवार जैसा स्ट्रक्चर दिखाई दिया है। हैरत की बात ये है कि ये दीवार 1 लाख किलोमीटर ऊंची है! इसे प्लाज्मा की दीवार बताया जा रहा है। अर्जेंटिना के खगोल विज्ञानी स्कैबर्गर पोऊपीऊ ने इसे अपने कैमरा में कैद किया है। पोऊपीऊ एक एस्ट्रोफोटोग्राफर हैं जिन्होंने 9 मार्च को इस तस्वीर को खींचा था। फोटो में देखा जा सकता है कि प्लाज्मा की एक विशाल दीवार सूरज की सतह की ओर गिर रही है। आइए जानते हैं पूरा मामला। 

सूर्य की सतह पर होने वाली गतिविधियां आजकल खगोल वैज्ञानिकों को आए दिन चौंका रही हैं। अब एक और ऐसी ही घटना कैमरे में कैद की गई है जिसमें 1 लाख किलोमीटर ऊंची प्लाज्मा की दीवार को सूर्य की सतह पर देखा गया है। LiveScience की रिपोर्ट के अनुसार, एस्ट्रोफोटोग्राफर स्कैबर्गर पोऊपीऊ ने इस तस्वीर को कैद किया है। बताया गया है कि यह दीवार इनती ऊंची है कि 8 पृथ्वी को एक के ऊपर एक खड़ा किया जा सकता है। 
दी गई जानकारी के अनुसार, इस तरह के स्ट्रक्चर सूरज की सतह पर पहले भी देखे गए हैं। ये सूरज की सतह पर इसके पोल के इर्द गिर्द दिखाई देते हैं। बहुत कम अंतराल पर ये स्ट्रक्चर उभरते रहते हैं और पोल की रिंग्स के आसापास दिखाई देते हैं। इन्हें पोलर क्राउन प्रॉमिनेंस (PCP) कहा जाता है। जहां तक इनके बनने की बात है, तो ये साधारण प्रॉमिनेंस के जैसे ही होते हैं जो कि प्लाज्मा या फिर आयोनाइज्ड गैस से बनते हैं। यह प्लाज्मा लगातार सूर्य की सतह से बाहर फूटता रहता है। 

NASA का कहना है कि सूरज पर पोल्स के पास मेग्नेटिक फील्ड बहुत ज्यादा शक्तिशाली है। इसलिए यह प्लाज्मा जैसे ही ऊपर फूटता है, नीचे की ओर गिर पड़ता है। इसी कारण इन्हें प्लाज्मा वाटरफाल भी कहा जाता है। इनकी स्पीड भी बहुत ज्यादा बताई गई है। स्पेस डॉट कॉम के अनुसार, प्लाज्मा जब ऊपर की ओर फूटने के बाद नीचे गिरने लगता है, तो इसकी स्पीड 22370 मील प्रति घंटा या 36 हजार किलोमीटर प्रतिघंटा होती है। 
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

हेमन्त कुमार

हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर सब-एडिटर हैं और विभिन्न प्रकार के ...और भी

संबंधित ख़बरें

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. क्रिप्टो मार्केट में तेजी, बिटकॉइन का प्राइस 1,05,300 डॉलर से ज्यादा
  2. Meta के पहले AR हेडसेट होंगे 2027 तक पेश, जानें सबकुछ
  3. क्रिप्टोकरेंसीज के लिए ट्रंप का बड़ा फैसला, अमेरिका में बनेंगे रेगुलेशंस
  4. Samsung Galaxy S25 सीरीज की लाइव फोटो हुई लीक, लॉन्च से पहले ही जानें कैसा है डिजाइन
  5. पृथ्‍वी का ‘चुंबकीय उत्तरी ध्रुव’ खिसक रहा, कनाडा से पहुंच गया रूस! जानें पूरा मामला
  6. ब्रह्मोस एंटी-शिप मिसाइल्स की इंडोनेशिया को बिक्री कर सकता है भारत
  7. 3.99 लाख रुपये में लॉन्‍च हुई इलेक्ट्रिक कार Vavye Eva, जानें सभी फीचर्स
  8. वैलिडिटी खत्‍म होते ही रिचार्ज कराने की टेंशन खत्‍म, ट्राई ने दिया 90 दिनों का मौका! जानें
  9. Samsung Galaxy S25 सीरीज लॉन्च से पहले 34 हजार रुपये सस्ता मिल रहा Samsung Galaxy S24 5G
  10. Blinkit से 10 मिनट में होगी iPhone और कई स्मार्टफोन्स की डिलीवरी
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »