यूरेनस पर दिन की लम्बाई पृथ्वी के दिन से कम निकल कर आई है। अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने हबल स्पेस टेलीस्कोप (Hubble Space Telescope) द्वारा इकट्ठा किए गए दशकों के डेटा को खंगाला, जिससे पता लग पाया कि यूरेनस (Uranus) पर एक दिन 17 घंटे, 14 मिनट, और 52 सेकंड लम्बा होता है। NASA के स्पेसक्राफ्ट Voyager 2 द्वारा बताया गया समय इससे 28 सेकंड कम था।
एस्टरॉयड 2024 YR4 पृथ्वी से 2032 में टकराने वाला था जिसके बारे में पिछले दिनों कई रिपोर्ट्स आईं। अब नासा ने इसके धरती से टकराने की संभावना को न के बराबर बताया है। एस्टरॉयड के ऑर्बिट की अपडेटेड ट्रैकिंग ने 2032 में इसके प्रभाव की संभावना को 0.00005 या 20,000 में 1 तक कम कर दिया है। अब एस्टरॉयड के प्रभाव की संभावना पृथ्वी पर शून्य के बराबर पहुंच गई है।
मंगल के बारे में नई खोज सामने आई है जिसमें दावा किया गया है कि मंगल पर पूरा सागर मौजूद रहा होगा। नई स्टडी में दावा किया गया है कि यहां पर चट्टानों के नीचे समुद्री बीच (beach) मौजूद है। स्टडी को चीनी और अमेरिकी वैज्ञानिकों ने मिलकर कंडक्ट किया है। चीनी रोवर झुरॉन्ग का डेटा खंगालने पर वहां सागर का किनारा होने के सबूत मिले हैं।
NASA ने एस्टरॉयड 2024 YR4 को लेकर फिर से एक रिपोर्ट जारी की है। एजेंसी ने एस्टरॉयड के टकराने की संभावना को अब घटा दिया है। पहले यह 32 में से एक थी, और अब यह 360 में से 1 हो गई है। इस एस्टरॉयड का अनुमानित साइज 55 मीटर बताया गया है। अंतरिक्ष से जो अगली चिंताजनक आफत है वह 1950 DA नाम का एस्टरॉयड है।
भारत की स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) ने एक बार फिर से अंतरिक्ष की दुनिया में कारनामा कर दिखाया है। इसरो ने स्पेस में लोबिया के बीजों को उगते दिखाया है। इसरो का कहना है कि केवल चार दिन में ही ये बीज माइक्रोग्रेविटी में अंकुरित हो गए। दरअसल यह संस्था के CROPS मिशन का हिस्सा है। भविष्य में दूसरे ग्रहों पर खेती की संभावनाओं को इसके जरिए तलाशा जा सकता है।
NASA का पार्कर सोलर प्रॉब (Parker Solar Probe) सूरज के सबसे करीब पहुंचने में कामयाबी हासिल कर चुका है, और इसने सूर्य के इतने करीब जाकर पहली बार अपना डेटा भेजा है। नासा ने गुरूवार यानी 2 जनवरी को इसके बारे में अपडेट जारी करते हुए जानकारी दी। पार्कर सोलर प्रॉब के सभी सिस्टम और साइंस उपकरण सही हैं और नॉर्मल तरीके से अपना काम कर रहे हैं।
गिलहरियों को अगर आप सिर्फ शाकाहारी प्राणी मानते आए हैं तो यह खबर आपको चौंका सकती है। कैलिफॉर्निया में जमीन पर रहने वाली गिलहरियां चूहे जैसे दिखने वाले जीव वोल (Vole) का शिकार भी करती हैं। गिलहरी की प्रजाति में पहली बार ऐसा देखा गया है जब वह जीवित कशेरुकियों (vertebrates) का शिकार करती हुई देखी गई हैं। स्टडी को Journal of Ethology में पब्लिश किया गया है।
अमेरिका और चिले के शोधकर्ताओं ने साउथ अमेरिका के पश्चिमी तट के साथ अटाकामा ट्रेंच में एक खास प्रजाति की खोज की है। इसे डल्सीबेला कमनचाका (Dulcibella camanchaca) नाम दिया गया है। यह देखने में ऐसा है कि इसे देखकर भय लगता है। इसका बर्ताव शिकारी बताया गया है। गहरे समुद्र में 7,902 किलोमीटर नीचे चार प्राणी पाए गए हैं जो अपने आप में बहुत बड़ी खोज है।
NASA के हाथ ब्रह्मांड में एक और खोज लगी है। नासा के वैज्ञानिकों ने एक नया एग्जोप्लेनेट खोजा है जिसे TOI-3261 b नाम दिया गया है। यह ग्रह बहुत ज्यादा गर्म बताया गया है। यह साइज में हमारे सौरमंडल के ग्रह नेप्च्यून जितना है। यह अपने तारे के बहुत ज्यादा नजदीक घूम रहा है। यहां पर सिर्फ 21 घंटे का ही 1 साल होता है।
एलियंस के वजूद के बारे में वैज्ञानिकों को कोई ठोस सबूत अभी तक नहीं मिला है, लेकिन वैज्ञानिक किसी बाहरी सभ्यता को सिरे से नकार भी नहीं रहे हैं। हाल ही में 757 ऐसी घटनाएं सामने आई हैं जो UFO से संबंधित हैं। इनमें कुछ अनजाने गुब्बारे, कुछ पक्षी और सैटेलाइट्स भी का भी देखा जाना शामिल है। साथ ही एयरलाइन्स के सामने कोई रहस्यमयी चीज आने का भी वाकया बताया गया है।
NASA के स्पेसक्राफ्ट Voyager 1 ने हाल ही में धरती से फिर से संपर्क साधकर वैज्ञानिकों को हैरान कर दिया। यह स्पेसक्राफ्ट 47 साल से अंतरिक्ष की यात्रा पर निकला हुआ है। जिस रेडियो ट्रांसमीटर के माध्यम से इसने संपर्क साधा वह आखिरी बार 1981 में इस्तेमाल किया गया था। यानी 43 साल पुराने ट्रांसमीटर की मदद से इसने मैसेज भेजा।
खगोलविदों ने उपलब्ध डेटा के आधार पर जब ब्रह्मांड का नक्शा बनाने की शुरुआत की तो एक ऐसा पैटर्न उभरा जो कई गैलेक्सियों के जाल के बीच में खाली जगह को दिखा रहा था।