कोई आकाशगंगा (Galaxy) पृथ्वी से कितनी दूर है, इसका पता लगाना आसान नहीं है। विशाल अंतरिक्ष में यह बता पाना मुश्किल हो सकता है कि आकाशगंगा कितनी दूर है, करीब है, छोटी है या बड़ी है। हालांकि आकाशगंगाओं के संयुक्त वेग (combined velocity) के साथ उनकी दूरी का आकलन करने से यह जानने में मदद मिल सकती है कि ब्रह्मांड कितना बड़ा है और इसकी शुरुआत के बाद से अबतक कितना समय बीत चुका है। रिसर्चर्स की एक टीम ने हाल ही में आकाशगंगा की दूरियों की एक विशाल लिस्ट तैयार की है। इसमें 55,877 आकाशगंगाओं की पृथ्वी से दूरी का अनुमान लगाया गया है। दूरी को आठ अलग-अलग तरीकों से मापा गया, जिसमें रंग परिवर्तन से लेकर ब्राइटनैस में उतार-चढ़ाव और गति में होने वाले छोटे बदलाव शामिल हैं।
रिपोर्ट्स के अनुसार, हवाई यूनिवर्सिटी के खगोलशास्त्री ब्रेंट टुली ने
कहा कि क्योंकि 100 साल पहले आकाशगंगाओं को हमारी मिल्की-वे से अलग के रूप में पहचाना गया था, तब से ही खगोलविद उनकी दूरी मापने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में हमारे पास ज्यादा सटीक और पर्याप्त टूल हैं, जिनकी मदद से हम आकाशगंगाओं की दूरी और ब्रह्मांड की शुरुआत होने के समय को कुछ फीसदी सटीकता के साथ मापने में सक्षम हैं।
यह सब ब्रह्मांड के बारे में एक विशेष बात को समझने के लिए किया जा रहा है कि अंतरिक्ष समय (Space time) का विस्तार कितनी तेजी से हो रहा है। इसे हबल कॉन्स्टेंट कहा जाता है। दुर्भाग्य से यह उतना स्थिर नहीं है जितना खगोलविद उम्मीद कर सकते हैं। जिस दर से ब्रह्मांड का विस्तार हो रहा है, उसे मापने के तरीकों ने सटीक रिजल्ट नहीं दिए हैं।
लेकिन इसके बावजूद हजारों आकाशगंगाओं की दूरियों को मापना और कई सारे तरीकों से काम करना महत्वपूर्ण है। इस डेटा को कॉस्मिकफ्लो-4 कहा जाता है, जिसमें पृथ्वी से आकाशगंगाओं की दूरी की सबसे बड़ी जानकारी है। यह शोध एस्ट्रोफिजिक्स जर्नल में प्रकाशित हुआ है। ब्रह्मांड के विस्तार को समझने के अलावा कॉस्मिकफ्लो-4 का इस्तेमाल यह अध्ययन करने के लिए भी किया जा रहा है कि आकाशगंगाएं कैसे मूव करती हैं। यह स्टडी भविष्य में ब्रह्मांड के बारे में और जानने के लिए मददगार हो सकती है।