एस्टरॉयड्स (Asteroid) का हमारी पृथ्वी के नजदीक आना जारी है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) ने हवाई जहाज जितने बड़े एक एस्टरॉयड के बारे में बताया है। यह आज हमारी पृथ्वी के सबसे करीब आ सकता है। जानकारी के अनुसार, 100 फीट साइज का एस्टरॉयड 2023 HY3 (Asteroid 2023 HY3) लगभग 63 लाख किलोमीटर की दूरी से पृथ्वी के पास से गुजरेगा। यह 23,596 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से ट्रैवल कर रहा है। वैज्ञानिक एक चट्टानी ‘आफत' को तब तक मॉनिटर करेंगे, जबतक वह पृथ्वी से बहुत दूर नहीं चली जाती।
एस्टरॉयड की मॉनिटरिंग इसलिए जरूरी है, क्योंकि इनकी दिशा में कभी भी बदलाव हो सकता है। अगर कोई एस्टरॉयड रास्ता भटककर पृथ्वी से टकरा जाए, तो बड़ी तबाही हो सकती है। वैज्ञानिक हमेशा से मानते आए हैं कि करोड़ों साल पहले हमारी धरती से डायनासोरों का खात्मा एक एस्टरॉयड की टक्कर के बाद हुए विनाश से हुआ था।
नासा ने
बताया है कि आज पृथ्वी के करीब आ रहा 2023 HY3, एस्टरॉयडों के अमोर ग्रुप से ताल्लुक रखता है। ये पृथ्वी के नजदीक तो आते हैं, लेकिन पृथ्वी की कक्षा को पार नहीं करते। इस ग्रुप के ज्यादातर एस्टरॉयड मंगल ग्रह की कक्षा को पार करते हैं।
इसके अलावा, नासा ने दो और एस्टरॉयड्स के बारे में भी बताया है। ये हैं- 2023 HV और 2018 VS6। दोनों का आकार एक घर जितना है। एस्टरॉयड 2023 HV लगभग 13 लाख किलोमीटर की दूरी से पृथ्वी से होकर गुजरेगा। वहीं, 2018 VS6 लगभग 20 लाख किलोमीटर की दूरी से अपना सफर तय करेगा। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी उन एस्टरॉयड्स को ट्रैक करती है, जो 75 लाख किलोमीटर या उससे कम दूर से पृथ्वी से होकर गुजरते हैं।
एस्टरॉयड्स को लघु ग्रह भी कहा जाता है। जैसे हमारे सौर मंडल के सभी ग्रह सूर्य का चक्कर लगाते हैं, उसी तरह एस्टरॉयड भी सूर्य की परिक्रमा करते हैं। लगभग 4.6 अरब साल पहले हमारे सौर मंडल के शुरुआती गठन से बचे हुए चट्टानी अवशेष हैं एस्टरॉयड। जब किसी एस्टरॉयड की खोज होती है, तो उसका नामकरण इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल यूनियन कमिटी करती है।