दुनिया में अभी 7 महाद्वीप हैं, लेकिन करोड़ों साल पहले तक सभी आपस में कनेक्टेड थे। वैज्ञानिक अनुमान जता चुके हैं कि एक और अधिमहाद्वीप (Supercontinent) अगले 30 करोड़ साल में बन सकता है। अमेरिका और एशिया महाद्वीप के टकराने से 'अमासिया' (Amasia) नाम का नया सुपरकॉन्टिनेंट जन्म ले सकता है। इस बात की तस्दीक अब जियोफिजिसिस्ट रॉस मिशेल (Ross Mitchell) ने अपनी नई किताब
द नेक्स्ट सुपरकॉन्टिनेंट (The Next Supercontinent) में भी की है।
इस किताब में हमारी पृथ्वी के भविष्य के बारे में बात की गई है। बताया गया है कि करोड़ों साल बाद धरती कैसे दिखेगी, जब सभी महाद्वीप एक विशाल भूभाग में बदल जाएंगे। गैजेट्स 360 हिंदी ने इस बुक को एक्सप्लोर नहीं किया है, लेकिन रिपोर्ट्स में दावा है कि किताब में महाद्वीपों के अतीत से लेकर उनके वर्तमान और भविष्य की बात की गई है।
लिखा गया है कि उत्तरी अमेरिका और एशिया के विलय से एक नया सुपरकॉन्टिनेंट बनेगा। उसका नाम होगा- अमासिया। पिछले साल भी एक
रिसर्च में यह जानकारी सामने आई थी। रिसर्चर्स का कहना था कि अगले 20 से 30 करोड़ वर्षों में जैसे-जैसे प्रशांत महासागर सिकुड़ता जाएगा, एशिया एक नया भूभाग बनाने के लिए अमेरिका से टकराएगा। यह एक सुपरकॉन्टिनेंट को जन्म दे सकता है, जिसे वैज्ञानिकों ने ‘अमासिया' नाम दिया था।
ऑस्ट्रेलिया की कर्टिन यूनिवर्सिटी और चीन की पेकिंग यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने भविष्य की भूमि संरचनाओं का मॉडल बनाने के लिए एक सुपरकंप्यूटर का इस्तेमाल किया। उन्होंने अपनी रिसर्च में पाया कि टेक्टोनिक प्लेटों में बदलाव की वजह से अमेरिका के साथ एशिया की टक्कर हो सकती है।
नेशनल साइंस रिव्यू में प्रकाशित पेपर के मुख्य लेखक डॉ चुआन हुआंग ने कहा कि पृथ्वी के महाद्वीप हर 60 करोड़ साल में एक सुपरकॉन्टिनेंट बनाने के लिए एक साथ टकराए हैं, जिसे सुपरकॉन्टिनेंट चक्र के रूप में जाना जाता है। इसका मतलब है कि वर्तमान महाद्वीप कुछ करोड़ वर्षों में फिर ऐसा करने वाले हैं।
अब नई किताब ‘द नेक्स्ट सुपरकॉन्टिनेंट' में भी नए महाद्वीप की बात की गई है। ये दावे कितने सच होते हैं, ये भविष्य की दुनिया ही जान पाएगी।