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स्टडीज में यह निष्कर्ष निकाला गया है कि पृथ्वी पर पानी ब्रह्मांड से आया। अब खगोलविदों ने हमारी यूनिवर्स के एक कोने में पानी के विशाल भंडार का पता लगाया है। यह 12 अरब प्रकाश वर्ष दूर है और एक क्वासर (quasar) व उसके ब्लैक होल के चारों ओर घूम रहा है। यह पानी हमसे इतना दूर है कि शायद ही उस तक पहुंचा जा सके। एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस पानी की मात्रा बहुत अधिक है। अनुमान है कि पृथ्वी पर जितने भी महासागर हैं, उनसे 140 ट्रिलियन गुना ज्यादा पानी यह है और एक विशाल ब्लैक होल (Black hole) का चक्कर लगा रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार, पानी जिस ब्लैक होल के करीब है, उसी के पास एक क्वासर है। क्वासर का नाम
APM 08279+5255 है। यह क्वासर एक हजार ट्रिलियन सूर्यों के बराबर एनर्जी निकालता है। पानी के भंडार का पता नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी के साइंटिस्ट मैट ब्रैडफोर्ड की टीम ने लगाया है।
वैज्ञानिकों का कहना है कि क्वासर का आसपास का वातावरण यूनीक है, क्योंकि यह बहुत अधिक मात्रा में पानी पैदा कर रहा है। इससे यह भी पता चलता है कि पानी हमारी पूरे यूनिवर्स में मौजूद है। ब्रैडफोर्ड और उनकी टीम कुछ समय से APM 08279+5255 और ब्लैक होल की जांच कर रहे थे।
क्वासरों की खोज 50 साल पहले शुरू हुई थी, जब एडवांस होते टेलिस्कोपों के सामने तेज ब्राइटनैस वाले रहस्यमयी सोर्स उभरने लगे। क्वासर आम तारों जैसे नहीं होते। वो हमसे बहुत दूर मौजूद आकाशगंगाओं के केंद्रों से चमकते हैं और अपनी रोशनी से तारों को भी पीछे छोड़ देते हैं।
रिपोर्ट्स के अनुसार, क्वासरों के कोर में विशालकाय ब्लैक होल्स छुपे होते हैं। ये ब्लैक होल्स आकार में हमारे सूर्य से भी अरबों गुना बड़े होते हैं। इस स्टडी में वैज्ञानिकों ने सीधे तौर पर पानी नहीं खोजा। उन्होंने इस क्वासर के आस-पास के वातावरण में जल वाष्प की खोज की है। यह वाष्प सैकड़ों प्रकाश वर्ष के क्षेत्र में फैली हुई है।