Fingerprint Study : अब तक हम यही सुनते-पढ़ते आए हैं कि हर व्यक्ति की उंगलियों का फिंगरप्रिंट अपने आप में यूनीक होता है। कोलंबिया यूनिवर्सिटी की एक स्टडी में इससे उलट बात कही गई है। CNN की
रिपोर्ट के अनुसार, यूएस यूनिवर्सिटी की टीम ने एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रोग्राम को 60 हजार से ज्यादा उंगलियों के निशान का विश्लेषण करने की ट्रेनिंग दी। मकसद यह पता लगाना था कि कौन से फिंगरप्रिंट एक व्यक्ति के हैं। रिसर्चर्स के अनुसार, अगर उंगलियों के निशान एक व्यक्ति से संबंधित हों, तो यह सिस्टम 90 फीसदी तक एक्युरेसी के साथ पता लगा सकता है।
कोलंबिया यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस प्रोग्राम के अंडरग्रैजुएट स्टूडेंट गेबे गुआ ने इस टॉपिक पर रिसर्च टीम को देखा। उनके साथ बफेलो यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर वेन्याओ जू भी शामिल थे। यह स्टडी साइंस एडवांसेज जर्नल में पब्लिश हुई है और फिंगरप्रिंट्स को लेकर अबतक की सोच से अलग है।
रिसर्च के दौरान यह सामने आया कि हरेक फिंगरप्रिंट यूनीक नहीं होता। अलग-अलग उंगलियों के फिंगरप्रिंट में भी समानताएं होती हैं। रिसर्चर्स का मानना है कि एआई टूल ने पारंपरिक तकनीकों के मुकाबले उंगलियों के फिंगरप्रिंट्स को अलग तरह से एनालाइज किया है। एआई ने उंगली के बीच में लकीरों की दिशा पर फोकस किया है।
रिसर्च से जुड़े लेखकों का कहना है कि उनका डेटा बायस्ड हो सकता है, लेकिन यह फिंगरप्रिंट्स को लेकर नई जानकारियां खोजने के लिए उत्साहित करता है। इस तरह के टूल कई तरह की जांच में मदद कर सकते हैं। यह जानने में मदद कर सकते हैं कि घटना वाली जगह मिले उंगलियों के निशान और आरोपी की उंगलियों के निशानों में क्या समानता या फर्क है।