चाइनीज स्मार्टफोन मेकर Xiaomi ने भारत में रिटेल स्टोर्स से सेल्स बढ़ाने की योजना बनाई है। कंपनी वर्षों तक ई-कॉमर्स वेबसाइट्स पर फोकस करती रही है। दक्षिण कोरिया की Samsung से पिछड़ने के बाद यह स्मार्टफोन की अपनी सेल्स बढ़ाने की कोशिश में जुटी है। पिछले कुछ वर्षों में देश में Amazon और Flipkart जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों के जरिए स्मार्टफोन की सेल्स बढ़ी है। इससे शाओमी जैसी बहुत सी स्मार्टफोन कंपनियों को दुनिया के इस सबसे तेजी से बढ़ने वाले मार्केट में अपनी स्थिति मजबूत करने में मदद मिली है।
देश में 60 करोड़ से ज्यादा
स्मार्टफोन यूजर्स हैं। हालांकि, स्मार्टफोन की सेल्स में ऑनलाइन की हिस्सेदारी 44 प्रतिशत की है। रिटेल स्टोर्स इस सेल्स में बड़ा योगदान देते हैं। इस वजह से शाओमी ने रिटेल स्टोर्स के जरिए सेल्स बढ़ाने की तैयारी की है। कंपनी की भारत में यूनिट के हेड, Muralikrishnan B ने बताया, "हमारी ऑफलाइन में हिस्सेदारी ऑनलाइन की तुलना में काफी कम है। हमारे कॉम्पिटिटर्स ऑफलाइन में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और इस वजह से उनका मार्केट शेयर अधिक है।"
मार्केट रिसर्च फर्म काउंटरप्वाइंट के डेटा से पता चलता है कि इस वर्ष
शाओमी की कुल सेल्स का केवल 34 प्रतिशत रिटेल स्टोर्स से मिला है। इसकी तुलना में सैमसंग की ऑफलाइन सेल्स 57 प्रतिशत की है। शाओमी के पास लगभग 18,000 स्टोर्स का नेटवर्क है। कंपनी ने इसे बढ़ाने की योजना बनाई है। यह इन स्टोर्स में TV और सिक्योरिटी कैमरा जैसे अन्य प्रोडक्ट्स भी बेचने की तैयारी कर रही है। कंपनी का मानना है कि इन प्रोडक्ट्स में कॉम्पिटिशन कम है। शाओमी के भारत में बिजनेस के लिए मुश्किलें बढ़ रही हैं। कंपनी को मार्केट शेयर में कमी और रेगुलेटरी सख्ती जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। शाओमी ने देश में अपनी यूनिट की रिस्ट्रक्चरिंग करने का फैसला किया है। इस वजह से कंपनी से वर्कर्स की छंटनी भी की जा रही है।
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, शाओमी के पास इस वर्ष की शुरुआत में देश में लगभग 1,500 वर्कर्स थे। कंपनी ने हाल ही में लगभग 30 वर्कर्स की छंटनी की है। यह जल्द ही दोबारा छंटनी कर सकती है। पिछले कुछ महीनों में कंपनी का मार्केट शेयर कम हुआ है। इस वजह से यह अपने रिसोर्सेज का बेहतर इस्तेमाल करने और खर्च को घटाने जैसे उपाय कर रही है। अफोर्डेबल स्मार्टफोन्स की कैटेगरी में कम मौजूदगी से भी कंपनी को नुकसान हो रहा है।