Realme GT Neo 2 एक ब्रैंड न्यू स्मार्टफोन था और भारत में Neo सीरीज के अंतर्गत लॉन्च होने वाला पहला स्मार्टफोन था। इसकी साधारण कैमरा परफॉर्मेंस के बावजूद अपने 800 सीरीज के स्नैपड्रैगन प्रोसेसर की बदौलत यह एक अच्छा मिडरेंज गेमिंग स्मार्टफोन कहलाया। इसमें अच्छे कूलिंग सिस्टम और 31,999 की एग्रेसिव प्राइसिंग का भी हाथ रहा।
हाल ही में Realme ने इसका सक्सेसर GT Neo 3 लॉन्च किया है। इसमें OIS फीचर वाला मेन कैमरा और एक नया प्रोसेसर दिया गया है। इसका एक स्पेशल 150W फास्ट चार्जिंग मॉडल भी आता है जिसका मैं आज रिव्यू करने जा रहा हूं। क्या Realme GT Neo 3 (150W) इसके पुराने मॉडल से एक कदम आगे है? रिव्यू में जानते हैं कि यह इस सेग्मेंट के बाकी प्रीमियम स्मार्टफोन्स के साथ कैसे मुकाबला करता है।
Realme GT Neo 3 (150W) प्राइस इन इंडिया
Realme GT Neo 3 (150W) की भारत में कीमत 42,999 रुपये है। इस मॉडल में 4,500mAh बैटरी मिलती है और बॉक्स में 150W चार्जर मिलता है। इसके 80W मॉडल में 5,000mAh बैटरी मिलती है। यह मॉडल दो वेरिएंट्स में आता है। एक में 8GB रैम और 128GB स्टोरेज मिलती है, इसकी कीमत 36,999 रुपये है। दूसरे वेरिएंट में 8GB रैम और 256GB स्टोरेज मिलती है। इसकी कीमत 38,999 रुपये है। दोनों मॉडल तीन कलर विकल्पों के साथ आते हैं जिनमें एस्फाल्ट ब्लैक, नाइट्रो ब्लू और स्प्रिंग वाइट शामिल हैं। इनमें नाइट्रो ब्लू और स्प्रिंग वाइट में रियर पैनल पर रेसिंग स्ट्राइप्स मिलते हैं जबकि ब्लैक वेरिएंट में प्लेन फिनिश दी गई है।
Realme GT Neo 3 (150W) डिजाइन
Realme GT Neo 3 की बनावट GT Neo 2 के जैसी है। अंतर इसके नए फिनिश, रियर कैमरा ले-आउट और सेल्फी के लिए सेंटर पंच होल कटआउट में देखने को मिलता है। कंपनी ने GT Neo 2 में मिलने वाले चमकदार डुअल टोन रियर ग्लास पैनल की जगह अबकी बार साधारण मैटे फिनश AG ग्लास दिया है, जिस पर उंगलियों के निशान बहुत जल्दी पड़ते हैं।
GT Neo 3,
OnePlus 10R से भी ज्यादा प्रीमियम लगता है और हाथ में अच्छी फील देता है। इसका वजन 188 ग्राम है जो कि ज्यादा भारी नहीं है, लेकिन एक हाथ के इस्तेमाल के लिए बेहतर नहीं कहा जा सकता। बड़ी सी डिस्प्ले पर Gorilla Glass 5 का प्रोटेक्शन मिलता है और इस पर फिंगरप्रिंट दिखते हैं। लेकिन इन्हें आसानी से साफ किया जा सकता है। इसके होल पंच एमोलेड डिस्प्ले में चारों ओर पतले बेजल हैं जो कि इसके प्रीमियम लुक में ज्यादा वैल्यू एड करते हैं।
फोन का मिड फ्रेम पॉलीकार्बोनेट का बना है। बैक पैनल की तरह इसमें भी मैटे फिनिश है जिससे कि यह हाथ में फिसलता सा लगता है। लेकिन कंपनी ने बॉक्स के साथ एक पारदर्शी टीपीयू केस दिया है जो अच्छी ग्रिप देता है और लगाने के बाद भी फोन का डिजाइन आसानी से सबको दिखता रहता है।
Realme GT Neo 3 स्पेसिफिकेशंस और सॉफ्टवेयर
Realme GT Neo 3 में MediaTek Dimensity 8100 SoC दिया गया है। कंपनी ने इसमें एक इमेजिंग चिपसेट दिया है जिसे डेडिकेटेड डिस्प्ले प्रोसेसर कहा गया है। कंपनी का कहना है कि यह पावर के इस्तेमाल को कम कर देगा और गेमिंग परफॉर्मेंस को बढ़ा देगा। कनेक्टिविटी के लिए इसमें Wi-Fi 6, Bluetooth 5.3, NFC, और Type-C पोर्ट के साथ ही सैटेलाइट नेविगेशन सिस्टम का सपोर्ट मिल जाता है। फिंगरप्रिंट स्कैनर डिस्प्ले के भीतर दिया गया है और यह अच्छी तरह काम करता है।
रियलमी ने एंड्रॉयड 12 के साथ Material You और Realme UI को मिक्स करके एक बेहतर यूजर इंटरफेस बनाया है। Realme UI 3.0 फोन में स्टॉक जैसा ही लगता है और इसके आइकन, पिक्सल फोन से थोड़े अलग लगते हैं। Android 12 के सभी विजेट्स उम्मीद के मुताबिक काम करते हैं और लगाए गए वॉलपेपर के आधार पर इसका थीम इंजन कीबोर्ड, विजेट्स और दूसरे आइकन के कलर को बदल देता है। सेटिंग्स ऐप में मिलने वाला पर्सनलाइजेशन सेक्शन OnePlus और Oppo के समान दिखता है। इसमें आप आइकन की शेप, क्विक सेटिंग्स आइकन और सिस्टम फॉन्ट जैसी चीजें कस्टमाइज कर सकते हैं।
दूसरे रियलमी फोन्स की तरह इसमें भी दुनियाभर के प्री-इंस्टॉल्ड थर्ड पार्टी ऐप्स मिलते हैं। लेकिन ये सॉफ्टवेयर अनुभव को खराब नहीं करते और जरूरत पड़ने पर इन्हें अनइंस्टॉल भी किया जा सकता है। लेकिन Themes Store ऐप से मिलने वाली नोटिफिकेशंस ने मुझे काफी परेशान किया।
Realme GT Neo 3 (150W) परफॉर्मेंस
Realme GT Neo 3 में 6.7 इंच फुलएचडी प्लस एमोलेड डिस्प्ले है जिसका रिफ्रेश रेट 120Hz है। सूरज की सीधी रोशनी में भी यह काफी चमकता है और पढ़ने में कोई परेशानी नहीं होती। इसके डिफॉल्ट विविड स्क्रीन कलर मोड में कलर्स काफी पंची दिखते हैं। रिफ्रेश रेट एडेप्टिव है लेकिन केवल 60Hz और 120Hz के बीच ही स्विच हो सकता है, जो कि रन कर रही ऐप पर निर्भर करता है। मूवी देखते समय यह 60Hz पर चल रहा था और यूजर इंटरफेस में नेविगेट करते समय 120Hz पर चल रहा था। गेम्स में डिस्प्ले 60Hz पर लॉक हो गई जबकि आमतौर पर यह 120Hz होना चाहिए, जिसने मुझे निराश किया।
Netflix जैसे ऐप्स के लिए HDR10 वीडियो स्ट्रीमिंग सर्टिफिकेशन मिसिंग है लेकिन स्टैंडर्ड कंटेंट शार्प दिखता है, जिसमें ब्लैक लेवल भी अच्छा दिखता है। फोन में दिए गए स्टीरिओ स्पीकर्स लाउड और क्लियर साउंड करते हैं जिससे वीडियो और गेमिंग एक्सपीरियंस ज्यादा बेहतर हो जाता है।
इसके सॉफ्टवेयर की परफॉर्मेंस भी ठीक रही। इसके बेंचमार्क स्कोर किसी Snapdragon 888 चिप वाले फोन के करीब पहुंच जाते हैं। AnTuTu पर फोन ने 8,10,225 पॉइंट्स का स्कोर किया। Geekbench पर सिंगल और मल्टी कोर टेस्ट में इसने क्रमश: 969 और 4,065 पॉइंट्स का स्कोर किया। GFXBench के T-rex और Manhattan 3.1 गेमिंग टेस्ट में इसने 54fps और 60fps को मैनेज किया जबकि Snapdragon 888 से लैस
Xiaomi 11T Pro यहां 121fps और 100fps पर रन कर लेता है।
इसकी रियल वर्ल्ड गेमिंग परफॉर्मेंस भी खास लुभा नहीं पाई, जब तक कि GT मोड इनेबल नहीं किया गया। रेगुलर मोड में Call of Duty: Mobile और Asphalt 9: Legends जैसे गेम हाई ग्राफिक सेटिंग पर फ्रेम स्किप करते नजर आए, लेकिन मीडियम मोड में अच्छे चले। GT Mode में ये गेम सबसे हाई संभावित सेटिंग में भी अच्छे चले लेकिन उस तरह से स्मूद नहीं लगे जैसा कि मैं पसंद करता हूं। आश्चर्यजनक रूप से मुझे इसमें Asphalt 9:Legends खेलते समय एक 60fps मोड भी मिला जो अब तक केवल किसी स्नैपड्रेगन प्रोसेसर वाले डिवाइस में ही मैंने नोटिस किया है।
फोन की बैटरी लाइफ अच्छी है। यह सिंगल चार्ज में डेढ़ दिन तक चल गया, जबकि मैंने इसमें हैवी गेमिंग और कैमरा का इस्तेमाल किया था। हमारे एचडी वीडियो लूप टेस्ट में फोन 19 घंटे और 26 मिनट चला जो कि एक प्रीमियम स्मार्टफोन के लिए काफी अच्छी बात है।
इसके 150W चार्जर ने फोन को जीरो से 100 प्रतिशत केवल 16 मिनट में चार्ज कर दिया। अब तक यह किसी फोन में मिलने वाली सबसे तेज चार्जिंग स्पीड है। इस दौरान फोन काफी गर्म हो गया था जिससे कि मुझे थोड़ी चिंता भी हो रही थी। हालांकि कंपनी ने दावा किया है कि किसी तरह की दुर्घटना को रोकने के लिए इसमें कई सारे सेफ्टी उपाय किए गए हैं। OnePlus 10R Endurance Edition की तरह इसमें भी एक नोटिफिकेशन मिलता है, जो चार्जिंग के दौरान फोन गर्म होने की चेतावनी देता है।
Realme GT Neo 3 के कैमरा
Realme GT Neo 3 में प्राइमरी कैमरा (OIS) के साथ आता है, यह एक 50 मेगापिक्सल का Sony IMX766 सेंसर है। दूसरा कैमरा 8 मेगापिक्सल का अल्ट्रावाइड लेंस है और तीसरा कैमरा 2 मेगापिक्सल का मैक्रो शूटर है। दोनों सेकेंडरी कैमरा में फोकस फिक्स्ड दिया गया है। सेल्फी के लिए एक 16 मेगापिक्सल का कैमरा फ्रंट में दिया गया है। इसमें कंपनी ने सैमसंग सेंसर का इस्तेमाल किया है जिसका अपर्चर अधिक बड़ा और फील्ड ऑफ व्यू भी ज्यादा है।
GT Neo 2 से तुलना करें तो डे-लाइट में फोन की परफॉर्मेंस काफी अच्छी साबित होती है। लैंड्सकेप फोटो में एक्सपोजर अच्छा मिला और डाइनेमिक रेंज भी बढिया थी। प्राइमरी कैमरा से ली गईं फोटो में डिटेल्स अच्छी थीं लेकिन फोटो थोड़े सैचुरेटेड लगे, खासकर अल्ट्रावाइड कैमरा से लिए गए फोटो से तुलना करने पर।
अल्ट्रावाइड कैमरा से लिए गए फोटो में 120 डिग्री का बड़ा फील्ड ऑफ व्यू मिलता है लेकिन इन फोटो में तुलनात्मक रूप से डाइनेमिक रेंज सीमित थी और फ्रेम के किनारों पर फोटो हल्का ब्लर इफेक्ट दे रही थीं। प्राइमरी कैमरा से लिए गए फूलों के क्लोजअप शॉट्स में शार्पनेस अच्छी थी लेकिन फोटो सैचुरेटेड लग रही थी। इसका 2X डिजिटल जूम ठीक काम करता है लेकिन फोटो में डिटेल थोड़ी कम हो जाती है।
पोर्ट्रेट मोड में खींचे गए फोटो कलर्स को अच्छी तरह से मैनेज कर रहे थे। इनमें टोन डाउन थी और देखने में ये नैचरल लग रहे थे। एज डिटेक्शन अच्छा था और बैकग्राउंड एक्सपोजर के साथ डाइनेमिक रेंज भी अच्छी थी। इसके फ्रंट कैमरा से ली गई सेल्फी थोड़ी ओवरशार्प थीं और सैचुरेटेड लगीं। बैकग्राउंड बहुत ज्यादा ब्राइट लग रहा था। पोर्ट्रेट मोड की सेल्फी क्वालिटी में बेहतर लगीं लेकिन यहां एज डिटेक्शन औसत रहा।
मैक्रो कैमरा ने औसत फोटो खीचीं जिनमें एज पर पर्पल झालर जैसा इफेक्ट आ रहा था। यहां पर फोकस सिस्टम ने थोड़ा परेशान किया। फोन के प्राइमरी कैमरा से लो-लाइट में ली गई फोटो में अच्छी डिटेल्स थीं और डाइनेमिक रेंज भी बेहतर थी। नाइट मोड से ली गई फोटो में सीन अधिक ब्राइट हुआ लग रहा था जिससे असल सीन के ब्राइट एरिया और ज्यादा ब्लो आउट लग रहे थे। लो-लाइट में ली गई सेल्फी खास नही थीं और कम डिटेल्स के साथ सॉफ्ट लगीं। पोर्ट्रेट मोड से लो-लाइट की सेल्फी काफी नॉइज के साथ खीचीं गईं जिसमें सब्जेक्ट पर टेक्स्चर की भारी कमी लग रही थी।
फोन से रिकॉर्ड किए गए वीडियो की क्वालिटी काफी अच्छी थी। डे लाइट में 1080p पर शूट किए गए वीडियो अच्छे थे लेकिन डिटेल्स इतनी ज्यादा नहीं थीं। 4K में शूट किए गए वीडियो में अच्छी डिटेल्स आईं लेकिन यहां पर डाइनेमिक रेंज कम हो गई। इनमें स्टेबलाइजेशन की भी कमी थी। इसके AI हाइलाइट फीचर ने डाइनेमिक रेंज में सुधार किया लेकिन वीडियो उतने स्मूद और शार्प नहीं थे और रेजॉल्यूशन 1080p 30fps पर सीमित हो गया। लो-लाइट में 1080p पर रिकॉर्ड किए गए वीडियो में लिमिटिड डाइनेमिक रेंज थी और यह सॉफ्ट दिखा। 4K में 30fps पर रिकॉर्डेड फुटेज बेस्ट दिखी, लेकिन फिर से यहां पर स्टेबलाइजेशन की कमी रही।
Realme GT Neo 2 की तुलना में इसके प्राइमरी कैमरा की इमेज क्वालिटी काफी बेहतर हो गई है। Realme 9 Pro+ 5G जैसे कम कीमत वाले स्मार्टफोन में भी कंपनी ने यह सेंसर इस्तेमाल किया है। फोटो की क्वालिटी मुझे अच्छी लगी लेकिन iQoo 9 SE जैसे कंपीटीटिव डिवाइस से यह काफी पीछे है।
हमारा फैसला
GT Neo 3 (150W) के लिए मैं कंपनी से सहमत हूं कि यह स्पीड के लिए बना स्मार्टफोन है। इसमें कार रेसिंग से प्रेरित डिजाइन है, 150W का चार्जिंग सिस्टम है, 120Hz वाला क्रिस्प डिस्प्ले है और अच्छा परफॉर्म करने वाला एक प्रोसेसर है। पुराने मॉडल की तुलना में इसके कैमरा में काफी सुधार हुआ है।
अधिक फीचर्स का होना इसे कंपीटिटिव स्मार्टफोन नहीं बनाता है। पुराने मॉडल से अपग्रेड के अलावा यह बाकी प्रतिद्वंदियों के करीब ही पहुंचता है। इसका 150W चार्जिंग सिस्टम फोन को बहुत ज्यादा गर्म कर देता है और इसका 120Hz का रिफ्रेश रेट अधिकतर गेम्स में काम में नहीं आता है, जिनको मैंने खेलने की कोशिश की। Qualcomm Snapdragon 888 वाले प्रतिद्वंदियों से फोन परफॉर्मेंस के मामले में थोड़ा पीछे रह जाता है। इसमें आईपी रेटिंग और वायरलेस चार्जिंग जैसे फीचर्स नहीं मिलते हैं जो कि
Samsung Galaxy S20 FE 5G और
Apple iPhone (2022) में इसी कीमत में मिल जाते हैं।
मैं यहां तक कहूंगा कि इसका रेगुलर 80W मॉडल भी थोड़ा महंगा लगता है क्योंकि iQoo 9 SE इससे कम शुरुआती कीमत में ज्यादा अच्छा कैमरा और परफॉर्मेंस देता है। अगर आप रियलमी के फैन हैं तो इसकी मौजूदा कीमत पर आप Realme GT Neo 3 (150W) को खरीद सकते हैं, या फिर वर्तमान में सबसे तेज चार्जिंग स्पीड वाले स्मार्टफोन के रूप में भी इसको खरीदने के बारे में सोच सकते हैं।