देश से मोबाइल का एक्सपोर्ट मौजूदा फाइनेंशियल ईयर में लगभग 50,000 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। इसके पिछले फाइनेंशियल ईयर की तुलना में चार गुना होने की संभावना है। कोरोना से पहले के फाइनेंशियल ईयर में यह आंकड़ा लगभग 22,500 करोड़ रुपये का था। मौजूदा फाइनेंशियल ईयर में इससे चार गुना बढ़ोतरी हो सकती है।
डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (DPIIT) के सेक्रेटरी, Anurag Jain ने
बताया, "फाइनेंशियल ईयर 2020-21 में देश से मोबाइल का एक्सपोर्ट 22,500 करोड़ रुपये का था और यह 2021-22 में बढ़कर लगभग 45,000 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इस वर्ष यह 50,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गया है।" केंद्र सरकार ने प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम के तहत इस सप्ताह दो कंपनियों Foxconn और Padget Electronics के लिए इंसेंटिव की स्वीकृति दी है। इन दोनों कंपनियों को क्रमशः 357.17 करोड़ रुपये और 58.29 करोड़ रुपये के इंसेंटिव मिलेंगे। इलेक्ट्रॉनिक्स एंड IT मिनिस्ट्री के तहत आने वाली उच्चाधिकार प्राप्त कमेटी इंसेंटिव देने के प्रपोजल पर विचार करती है। इस कमेटी में नीति आयोग के CEO Param Iyer, DPIIT के सेक्रेटरी Anurag Jain, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड IT मिनिस्ट्री के सेक्रेटरी Alkesh Kumar Sharma और कुछ अन्य मेंबर्स शामिल हैं।
अमेरिकी स्मार्टफोन कंपनी Apple के लिए फॉक्सकॉन भारत में iPhone की और Motorola के लिए Padget Electronics
स्मार्टफोन्स की मैन्युफैक्चरिंग करती है। PLI के तहत, अभी तक 14 सेक्टर्स की लगभग 7,717 कंपनियों को इंसेंटिव दिए गए हैं। इस स्कीम के तहत सरकार देश में मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए कंपनियों को इंसेंटिव देती है।
भारत में बने iPhone का Apple मुख्यतौर पर यूरोप और मिडल ईस्ट को एक्सपोर्ट करती है। पिछले फाइनेंशियल ईयर में कंपनी ने लगभग 1.3 अरब डॉलर के स्मार्टफोन्स का भारत से एक्सपोर्ट किया था। हालांकि, आईफोन के कुल प्रोडक्शन में भारत की हिस्सेदारी बहुत कम है। एक्सपोर्ट में बढ़ोतरी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की देश को प्रोडक्शन हब के तौर पर चीन का विकल्प बनाने की योजना के लिए अच्छी प्रगति है। Apple कई वर्षों से अपने आईफोन का अधिकतर प्रोडक्शन चीन में करती है। हालांकि, चीन में मुश्किलें बढ़ने के कारण कंपनी इस स्ट्रैटेजी में बदलाव कर प्रोडक्शन का कुछ हिस्सा अन्य देशों में शिफ्ट करने की योजना बना रही है।