पिछले कुछ महीनों में 5G स्मार्टफोन्स का मार्केट तेजी से बढ़ा है। इसमें अमेरिका को मात देकर भारत दूसरा सबसे बड़ा मार्केट बन गया है। इस वर्ष की पहली छमाही में देश में 5G स्मार्टफोन्स की शिपमेंट्स पिछले वर्ष की समान तिमाही की तुलना में 60 प्रतिशत बढ़ी हैं। अधिकतर स्मार्टफोन कंपनियों ने इस मार्केट में नए हैंडसेट लॉन्च किए हैं।
एक मीडिया
रिपोर्ट में मार्केट रिसर्च फर्म Counterpoint की रिपोर्ट के हवाले से बताया गया है कि मौजूदा वर्ष की पहली छमाही में 5G स्मार्टफोन्स की इंटरनेशनल शिपमेंट्स वर्ष-दर-वर्ष आधार पर 20 प्रतिशत बढ़ी हैं। इसके साथ ही स्मार्टफोन्स की सभी शिपमेंट्स में 5G डिवाइसेज की हिस्सेदारी बढ़कर 50 प्रतिशत से अधिक हो गई है। Counterpoint के सीनियर एनालिस्ट, Prachir Singh ने बताया, "बजट सेगमेंट में Xiaomi, Vivo और अन्य ब्रांड्स की मजबूत शिपमेंट्स इस मार्केट के तेजी से बढ़ने का प्रमुख कारण है।" उन्होंने कहा कि इमर्जिंग मार्केट्स में कस्टमर्स 5G स्मार्टफोन्स को अपग्रेड के एक विकल्प के तौर पर देख रहे हैं।
5G स्मार्टफोन्स की इंटरनेशनल शिपमेंट्स में लगभग 32 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ चीन पहले स्थान पर है। इसके बाद भारत की लगभग 13 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इन स्मार्टफोन्स की इंटरनेशनल शिपमेंट्स में 25 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी के साथ अमेरिकी डिवाइसेज मेकर
Apple सबसे आगे है। कंपनी की iPhone 14 और iPhone 15 सीरीज को कस्टमर्स से अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है।
देश में मौजूदा वर्ष की पहली छमाही में स्मार्टफोन की शिपमेंट्स वर्ष-दर-वर्ष आधार पर 7.2 प्रतिशत बढ़कर लगभग 6.9 करोड़ यूनिट्स की रही। दूसरी तिमाही में स्मार्टफोन की शिपमेंट्स लगभग 3.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ लगभग 3.5 करोड़ यूनिट्स की थी। मार्केट रिसर्च फर्म इंटरनेशनल डेटा कॉरपोरेशन (IDC) की रिपोर्ट के अनुसार, दूसरी तिमाही में बहुत से नए स्मार्टफोन लॉन्च किए हैं। इनमें से अधिकतर मिड-प्रीमियम और प्रीमियम सेगमेंट में थे। हालांकि, दूसरी तिमाही में एंट्री-लेवल स्मार्टफोन्स (8,400 रुपये से कम प्राइस) की शिपमेंट्स लगभग 36 प्रतिशत घटी है। इन सेगमेंट का मार्केट शेयर पिछले वर्ष की समान तिमाही में 22 प्रतिशत से कम होकर लगभग 14 प्रतिशत रह गया है। इसमें चीन की स्मार्टफोन मेकर Xiaomi का पहला स्थान है। इसके बाद Poco और Realme हैं। स्मार्टफोन्स के बजट सेगमेंट (लगभग 8,400 रुपये से 16,800 रुपये का प्राइस) में शिपमेंट्स लगभग 8 प्रतिशत बढ़ी हैं।