• होम
  • मोबाइल
  • ख़बरें
  • सुप्रीम कोर्ट से झटके के बाद एंड्रॉयड डिवाइस मेकर्स के लिए बड़े बदलाव करेगी Google

सुप्रीम कोर्ट से झटके के बाद एंड्रॉयड डिवाइस मेकर्स के लिए बड़े बदलाव करेगी Google

पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट ने गूगल के खिलाफ कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया के फैसले को बरकार रखा था

सुप्रीम कोर्ट से झटके के बाद एंड्रॉयड डिवाइस मेकर्स के लिए बड़े बदलाव करेगी Google

देश में 60 करोड़ स्मार्टफोन्स में से लगभग 97 प्रतिशत एंड्रॉयड पर चलते हैं

ख़ास बातें
  • गूगल ने यूजर्स को डिफॉल्ट इंजन चुनने का विकल्प देने की घोषणा की है
  • कंपनी के लिए भारत एक बड़ा मार्केट है
  • CCI ने पिछले वर्ष अक्टूबर में लगभग 16.1 करोड़ डॉलर का जुर्माना लगाया था
विज्ञापन
ग्लोबल टेक कंपनी Google ने बुधवार को बताया कि वह भारत में डिवाइस मेकर्स को उसकी ऐप्स के प्री-इंस्टॉलेशन के लिए लाइसेंस की अनुमति देगी। इसके साथ ही गूगल ने यूजर्स को उनका डिफॉल्ट इंजन चुनने का विकल्प देने की भी घोषणा की है। ये गूगल के  Android सिस्टम के ऑपरेट करने के तरीके में बड़े बदलाव हैं। 

पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट ने गूगल के खिलाफ कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) के फैसले को बरकार रखा था। इस फैसले में कहा गया था कि कंपनी ने मार्केट में अपनी दबदबे वाली स्थिति का गलत इस्तेमाल किया है। CCI ने कंपनी को देश में अपने एंड्रॉयड सिस्टम की मार्केटिंग के तरीके में बदलाव करने को भी कहा था। गूगल ने एक ब्लॉग पोस्ट में बताया, "पूरे इकोसिस्टम में इन बदलावों को लागू करना एक जटिल प्रक्रिया है और इसके लिए हमारे साथ ही कई मामलों में पार्टनर्स, ओरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर्स (OEM) और डिवेलपर्स को भी बड़ा योगदान देना होगा।" 

CCI के इस फैसले को लेकर गूगल ने चिंता जताई थी क्योंकि यह यूरोपियन कमीशन की ओर से चार वर्ष पहले एंड्रॉयड के खिलाफ दिए गए फैसले से ज्यादा सख्त है। देश में 60 करोड़ स्मार्टफोन्स में से लगभग 97 प्रतिशत एंड्रॉयड पर चलते हैं। यूरोप में लगभग 55 करोड़ स्मार्टफोन्स के लिए यह आंकड़ा लगभग 75 प्रतिशत का है। CCI ने गूगल को चलाने वाली अमेरिकी कंपनी Alphabet Inc पर एंड्रॉयड के मार्केट में अपनी दबदबे वाली स्थिति का गलत इस्तेमाल करने के लिए पिछले वर्ष अक्टूबर में लगभग 16.1 करोड़ डॉलर का जुर्माना लगाया था। 

कंपनी ने इसके खिलाफ नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्राइब्यूनल (NCLAT) में अपील की थी। NCLAT ने इस पेनल्टी पर अंतरिम रोक लगाने से मना कर दिया था। इसके बाद गूगल ने NCLAT के ऑर्डर को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने पेनल्टी पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी को NCLAT के ऑर्डर के तहत पेनल्टी की 10 प्रतिशत रकम जमा करने के लिए कहा था। CCI की ओर से पेश हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल N Venkataraman ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि गूगल ने भारत और यूरोप में अलग स्टैंडर्ड रखे हैं। उन्होंने कहा था कि कंपनी ने यूरोपियन कमीशन की ओर से पास किए गए समान ऑर्डर का पालन किया है। 
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

आकाश आनंद

Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी न्यूज एडिटर हैं। उनके पास प्रमुख ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Apple पर लगा वर्कर्स की गैर कानूनी तरीके से निगरानी करने का आरोप
  2. बिटकॉइन में बढ़ी कंपनियों की दिलचस्पी, MicroStrategy ने की 1.5 अरब डॉलर की खरीदारी
  3. EV के लिए सब्सिडी में फ्रॉड को लेकर Hero Electric सहित 3 कंपनियों पर कसा शिकंजा 
  4. Xiaomi Sound Outdoor स्‍पीकर 9 दिसंबर को होंगे लॉन्च, जानें प्रमुख खूबियां
  5. iQOO 13 vs Realme GT 7 Pro: जानें कौन सा स्मार्टफोन है बेस्ट
  6. 40 घंटों की बैटरी लाइफ के साथ लॉन्‍च हुए HONOR EarBuds X8, जानें प्राइस
  7. Lenovo Yoga Pad Pro AI 2024 टैबलेट 10200mAh बैटरी, Snapdragon 8 Gen 3 के साथ लॉन्च, जानें फीचर्स
  8. 7000mAh बैटरी वाला Realme Neo7 दिखा गीकबेंच पर, और एक फीचर का खुलासा
  9. Blinkit से Sony PS5 कर डाला ऑर्डर, फ्री मिली हींग गोली, पोस्ट हुई वायरल
  10. Motorola का G35 5G अगले सप्ताह होगा भारत में लॉन्च, 6.7 इंच का डिस्प्ले
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2024. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »