• होम
  • मोबाइल
  • ख़बरें
  • भारत में गूगल को राहत, NCLAT ने जुर्माना 936 करोड़ रुपये से घटाकर 220 करोड़ रुपये किया

भारत में गूगल को राहत, NCLAT ने जुर्माना 936 करोड़ रुपये से घटाकर 220 करोड़ रुपये किया

इस मामले में CCI के ऑर्डर में कंपनी से एंड्रॉयड की मार्केटिंग के तरीके में बदलाव करने के लिए कहा गया था

भारत में गूगल को राहत, NCLAT ने जुर्माना 936 करोड़ रुपये से घटाकर 220 करोड़ रुपये किया

गूगल के बड़े मार्केट्स में भारत शामिल है

ख़ास बातें
  • CCI ने गूगल की Play Store से जुड़ी पॉलिसी को गलत पाया था
  • इस वजह से कंपनी पर जुर्माना लगाया गया था
  • गूगल के लिए भारत एक बड़ा मार्केट है
विज्ञापन
इंटरनेट सर्च इंजन Google को ऑपरेट करने वाली अमेरिकी टेक्नोलॉजी कंपनी Alphabet Inc को भारत में बड़ी राहत मिली है। नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्राइब्यूनल (NCLAT) ने एंटीट्रस्ट से जुड़े मामले में इस कंपनी पर लगाए गए 936 करोड़ रुपये के जुर्माने को घटाकर लगभग 220 करोड़ रुपये कर दिया है। 

लगभग तीन वर्ष पहले कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) ने एक जांच में गूगल की Play Store से जुड़ी पॉलिसी को गलत पाया था। इस वजह से कंपनी पर जुर्माना लगाया गया था। CCI ने गूगल को Android मोबाइल डिवाइस इकोसिस्टम और ऑनलाइन सर्च मार्केट में अपनी दबदबे वाली स्थिति का गलत इस्तेमाल करने का दोषी पाया था। 

इस मामले में CCI के ऑर्डर में कंपनी से एंड्रॉयड की मार्केटिंग के तरीके में बदलाव करने के लिए कहा गया था। हालांकि, कंपनी का कहना था कि एंड्रॉयड मोबाइल प्लेटफॉर्म में बड़े बदलाव करने से मुश्किल होगी। भारत में लगभग 97 प्रतिशत स्मार्टफोन्स एंड्रॉयड पर चलते हैं और गूगल के लिए यह एक बड़ा मार्केट है। CCI ने कंपनी को निर्देश दिया था कि उसे ऐप डिवेलपर्स पर ऐसी कोई शर्त नहीं लगानी चाहिए जो अनुचित या भेदभाव वाली है। इसका कोई कारण नहीं बताया गया है कि यूजर के थर्ड-पार्टी प्रोसेसिंग सर्विस का इस्तेमाल करने पर भी कंपनी 11-26 प्रतिशत की कमीशन क्यों ले रही है। 

गूगल ने ऐप डिवेलपर्स के लिए बिलिंग के तरीके में बदलाव किया था। कंपनी ने बताया था कि अगर कोई यूजर वैकल्पिक बिलिंग सिस्टम के जरिए भुगतान करता है तो Google play की सर्विस फीस चार प्रतिशत घट जाएगी। इससे गूगल की सर्विस का इस्तेमाल नहीं करने पर भी ऐप डिवेलपर्स को कंपनी को कमीशन चुकाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। इस बारे में डिजिटल स्टार्टअप्स से जुड़े पॉलिसी थिंक टैंक ADIF ने कहा था कि इससे CCI के ऑर्डर का गूगल पूरी तरह से उल्लंघन कर रही है। आईफोन जैसे लोकप्रिय स्मार्टफोन बनाने वाली एपल के खिलाफ भी इसी तरह की एक जांच की गई है। यह कंपनी की ऐप्स के मार्केट में दबदबे वाली स्थिति का कथित तौर पर गलत इस्तेमाल करने से जुड़ी है। Apple पर आरोप था कि उसने ऐप्स के मार्केट में अपनी मजबूत स्थिति के कारण डिवेलपर्स को उसके प्रॉपराइटरी इन-ऐप परचेज सिस्टम का इस्तेमाल करने के लिए बाध्य किया था। इसके लिए डिवेलपर्स से 30 प्रतिशत तक की फीस ली जा रही थी। 
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

आकाश आनंद

Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी न्यूज एडिटर हैं। उनके पास प्रमुख ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News
Turbo Read

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. iQOO 15 भारत में आज हो रहा लॉन्च, सबसे पहले जानें कैसे हैं फीचर्स और कीमत
  2. Realme GT 8 Pro vs iPhone 17 vs Google Pixel 10: तीन के बीच कंपेरिजन, देखें कौन है बेस्ट
  3. Samsung का 5000mAh बैटरी वाला 5G फोन हुआ सस्ता, अभी खरीदने पर होगी बचत
  4. Mahindra ने इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए लॉन्च किया अल्ट्रा-फास्ट चार्जिंग नेटवर्क
  5. Apple के पोर्टफोलियो का सबसे महंगा स्मार्टफोन हो सकता है iPhone Fold
  6. Xiaomi 17 और Xiaomi 17 Ultra की भारत में शुरू हुई टेस्टिंग, जल्द लॉन्च की तैयारी
  7. Realme का ये पॉपुलर गेमिंग फोन मिल रहा है Rs 6,000 सस्ता! यहां मिल रही है जबरदस्त डील
  8. Samsung Black Friday Sale: TV खरीदने पर मुफ्त मिलेगा साउंडबार, 20% कैशबैक अलग से!
  9. Rs 1,500 में बेचे iPad Air, ग्राहकों ने जमकर उठाया फायदा, रिटेलर को 11 दिन बाद आया होश!
  10. आपके नाम पर जारी SIM के गलत इस्तेमाल के लिए आप होंगे जिम्मेदार!
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »