भारत में कारोबार कर रहीं कई चीनी कंपनियां टैक्स से बचने के लिए नए रास्ते अख्तियार कर रही हैं। बीते महीने जानकारी सामने आई थी कि चीनी स्मार्टफोन कंपनी वीवो (Vivo) ने देश में टैक्स भुगतान से बचने के लिए चीन को 62,476 करोड़ रुपये ‘अवैध रूप से' ट्रांसफर किए। अब डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI) ने कहा है कि वीवो मोबाइल इंडिया ने लगभग 2,217 करोड़ रुपये की कस्टम ड्यूटी चोरी की है। DRI को जानकारी मिली थी कि वीवो बिना कस्टम ड्यूटी दिए चीन से अपना सामान भारत ला रही है। जांच के दौरान कस्टम ड्यूटी चोरी का पता चला।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार वित्त मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि DRI के अफसरों ने वीवो इंडिया के फैक्ट्री परिसर में जांच की। वहां तलाशी ली गई। इस दौरान स्मार्टफोन निर्माण के लिए आयात की गई कुछ चीजों से जुड़ी डिटेल्स में जानबूझकर गलत घोषणा का संकेत देने वाले सबूत मिले। मंत्रालय ने कहा है कि गलत जानकारी देकर वीवो इंडिया ने 2,217 करोड़ रुपये की अनुचित शुल्क छूट हासिल की।
मामले में वीवो इंडिया को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इसमें कस्टम एक्ट, 1962 के प्रावधानों के तहत 2,217 करोड़ रुपये की कस्टम ड्यूटी की मांग की गई है। वहीं वीवो इंडिया ने अपनी डिफरेंशियल ड्यूटी लायबिलिटी देने के लिए स्वेच्छा से 60 करोड़ रुपये जमा किए हैं।
वित्त मंत्रालय के मुताबिक, हाल ही में DRI ने एक और जांच की थी। इसमें ओपो मोबाइल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड से 4,403.88 करोड़ रुपये की ड्यूटी की मांग करते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस मंगलवार को कहा था कि सरकार चीन की तीन मोबाइल कंपनियों ओपो, वीवो इंडिया और शाओमी द्वारा की गई कथित टैक्स चोरी के मामलों की जांच कर रही है और उन्हें नोटिस जारी किया गया है।
बीत दिनों ईडी (ED) ने भी अपनी जांच में पाया था कि देश में टैक्स के भुगतान से बचने के लिए वीवो ने चीन को 62,476 करोड़ रुपये ‘अवैध रूप से' ट्रांसफर किए हैं। ईडी ने चीनी नागरिकों और कई भारतीय कंपनियों से जुड़े एक बड़े मनी लॉन्ड्रिंग रैकेट का भंडाफोड़ करने का दावा किया था। यह पैसा वीवो के कुल कारोबार 1 लाख 25 हजार 185 करोड़ रुपये का लगभग आधा बताया जा रहा था। ईडी ने वीवो इंडिया से जुड़ी 48 जगहों पर छापेमारी भी की थी। छापेमारी में 119 बैंक अकाउंट्स में रखे गए 465 करोड़ रुपये, 73 लाख रुपये कैश और 2 किलो गोल्ड बार को जब्त किया गया था।