अमेरिकी सेमीकंडक्टर कंपनी Intel Corp को स्लोडाउन के कारण मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इससे निपटने के लिए इंटेल ने CEO सहित मैनेजमेंट और सीनियर स्टाफ की सैलरी में कटौती की है। कंपनी के रेवेन्यू और प्रॉफिट में कमी हो रही है। इस वजह से इसने यह फैसला किया गया है।
Reuters की
रिपोर्ट में बताया गया है कि इंटेल के मिड-लेवल के वर्कर्स के लिए बेस पे में लगभग पांच प्रतिशत और चीफ एग्जिक्यूटिव Pat Gelsinger के लिए 25 प्रतिशत तक कटौती की जाएगी। हालांकि, कंपनी के आवर्स के आधार पर काम करने वाले वर्कर्स की सैलरी में कमी नहीं होगी। इंटेल की एग्जिक्यूटिव लीडरशिप टीम की सैलरी में 15 प्रतिशत और सीनियर मैनेजर्स के लिए 10 प्रतिशत की कटौती होगी। इंटेल ने एक स्टेटमेंट में बताया, "मैक्रो इकोनॉमिक मुश्किलों से निपटने और कॉस्ट घटाने की कोशिशों के लिए, हमने एंप्लॉयी कंपनसेशन में कई बदलाव किए हैं। इससे कंपनी को इनवेस्टमेंट के लिए कैश बचाने में मदद मिलेगी।"
कुछ अन्य बड़ी कंपनियों के सीनियर मैनेजमेंट की सैलरी में भी हाल ही में कटौती की गई थी। इनमें इनवेस्टमेंट बैंकिंग कंपनी Goldman Sachs के चीफ एग्जिक्यूटिव David Solomon शामिल हैं। उनकी सैलरी में लगभग 30 प्रतिशत की कमी हुई है। बड़ी टेक कंपनियों पर स्लोडाउन का बड़ा असर पड़ रहा है। इस वजह से इनमें से कई कंपनियों में छंटनी और सैलरी में कटौती जैसे कदम उठाए हैं। पिछले महीने ग्लोबल सॉफ्टवेयर कंपनी
Microsoft ने हजारों वर्कर्स की छंटनी करने का फैसला किया था। कंपनी की योजना अपनी वर्कफोर्स को लगभग 5 प्रतिशत कम करने की है। माइक्रोसॉफ्ट से लगभग 11,000 वर्कर्स को बाहर किया जा सकता है। इसमें इंजीनियरिंग और ह्युमन रिसोर्सेज डिविजंस पर अधिक असर होगा।
Reuters की रिपोर्ट में बताया गया है कि कंपनी पर अपनी क्लाउड यूनिट Azure के ग्रोथ रेट को बरकरार रखने का प्रेशर है। पिछली कुछ तिमाहियों से मंदी के कारण पर्सनल कंप्यूटर्स के मार्केट को नुकसान हुआ है और इससे माइक्रोसॉफ्ट के विंडोज और डिवाइसेज की बिक्री पर असर पड़ा है। कंपनी के पास पिछले वर्ष जून तिमाही के अंत में लगभग 2,21,000 वर्कर्स थे। इनमें से लगभग 1,22,000 अमेरिका और बाकी अन्य देशों में थे। कंपनी के छंटनी के फैसले से यह संकेत मिल रहा है कि टेक सेक्टर में वर्कफोर्स में कटौती जारी रह सकती है।