इलेक्ट्रिक व्हीकल (Electric Vehicle) चार्जिंग के लिए सरकार ने चार्जिंग स्टेशन का नया टैरिफ मॉडल पेश किया है। नया मॉडल एक समान नहीं है, बल्कि इसे समय के हिसाब से बांटा गया है। यदि आप भी नया इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर या नई इलेक्ट्रिक कार खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए है। ऊर्जा मंत्रालय (Ministry of Power) ने चार्जिंग स्टेशन के टैरिफ मॉडल के लिए नया ड्राफ्ट जारी किया है। नए मॉडल में आपको चार्जिंग के लिए सुबह, दोपहर और शाम में अलग-अलग कीमत चुकानी होगी। इसके हिसाब से सबसे ज्यादा कीमत शाम के समय में होगी।
सोमवार को उर्जा मंत्रालय (Ministry of Power) ने सभी राज्यों और SERC (स्टेट इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन) के लिए प्रैस ड्राफ्ट के जरिए चार्जिंग स्टेशन के लिए नए टैरिफ मॉडल से संबंधित कुछ नए प्रावधान जारी किए। नए ड्राफ्ट के अनुसार, चार्जिंग स्टेशन पर वसूला जाने वाला टैरिफ पूरे दिन एक समान नहीं होगा, बल्कि इसे समय के अनुसार बांटा जाएगा।
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रिपोर्ट में बताया गया है कि चार्जिंग टैरिफ पूरी तरह से डिमांड और सप्लाई के ऊपर निर्भर होगा। पीक टाइम में बिजली की दरें सबसे ज्यादा रखी जाएगी और पीक हॉवर ज्यादातर शाम के समय को माना जाता है। ऐसा हो सकता है कि सुबह या दिन के समय टैरिफ कम हो। यदि ऐसा होता है, तो आपको इस दौरान अपनी गाड़ी को चार्ज करना सबसे सस्ता पड़ेगा।
रिपोर्ट कहती है कि पब्लिक और निजी चार्जिंग स्टेशन के लिए दरें अलग-अलग होंगी। रेगुलेटर दरें डिमांड और सप्लाई के हिसाब से खुद तय करेंगे। इसके अलावा एग्रीगेटर ओपन मार्केट से रिन्यूएबल एनर्जी को भी खरीद पाएंगे। हालांकि, यह अभी से लागू नहीं होगा। रिपोर्ट कहती है कि इस प्रस्ताव पर अभी मंत्रालय ने सभी स्टेकहोल्डर की राय मांगी है।