हर साल लाखों लोगों के साथ ऑनलाइन फ्रॉड होते हैं और इनमें से ज्यादातर लोग ग्राहक सेवा (Customer Service) के नाम पर होने वाले फ्रॉड का शिकार होते हैं। अपने ग्राहकों को इस तरह के स्कैम से बचाने के लिए कई कंपनियों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर आधारित चैटबॉट का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है, लेकिन बावजूद इसके ग्राहक अभी भी टेक सपोर्ट स्कैम (फ्रॉड) के शिकार हो रहे हैं। इसकी सटीक और विस्तार में जानकारी Microsoft द्वारा जारी 2021 ग्लोबल टेक सपोर्ट स्कैम रिसर्च रिपोर्ट में दी गई है, जिसके अनुसार, पिछले 12 महीनों में पांच में से तीन यूज़र को तकनीकी सहायता (टेक सपोर्ट) स्कैमर द्वारा टारगेट किया गया है। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
Microsoft ने इस हफ्ते की शुरुआत में अपनी
2021 ग्लोबल टेक सपोर्ट स्कैम रिसर्च रिपोर्ट (Global Tech Support Scam Research Report) जारी की, जिसमें कंपनी ने टेक सपोर्ट के नाम पर होने वाली धोखाधड़ी के बारे में सभी जानकारी उपलब्ध कराई है। रिपोर्ट कहती है कि पिछले 12 महीनों में ऑनलाइन फ्रॉड का सबसे ज्यादा शिकार भारतीय ग्राहक हुए। यह दर 69 प्रतिशत है, जो साल 2018 के बराबर है, जब दर 70 प्रतिशत थी। इसका मतलब यह है कि ऑनलाइन टेक सपोर्ट फ्रॉड को लेकर भारत अभी भी वहीं है, जहां यह दो लगभग तीन साल पहले था। कंपनी ने अपनी रिपोर्ट में वैश्विक स्तर (ग्लोबल लेवल) पर होने वाले ऑनलाइन फ्रॉड की जानकारी भी दी। रिपोर्ट के अनुसार, ग्लोबल स्तर पर इस साल फ्रॉड 5 फीसदी गिरकर 59 प्रतिशत रहा।
ग्लोबल औसत की तुलना में तीन गुना अधिक भारतीय ग्राहक स्कैमर से लंबी बातचीत में फसे पाए गए। वहीं, जापान के ग्राहकों ने ग्लोबल लेवल पर सबसे अच्छा प्रदर्शन किया, जहां सर्वे में शामिल लोगों में से केवल 5% लोगों ने स्कैमर के साथ बातचीत जारी रखी।
Microsoft ने बताया कि टेक सपोर्ट स्कैम के शिकार लोगों से उन्हें हर महीने ग्लोबल लेवल पर लगभग 6,500 शिकायतें प्राप्त होती हैं। इन शिकायतों के आधार पर, 10 में से एक मिलेनियल्स (21वीं शताब्दी के लोग) और 10 में से एक जेन ज़ी (90 से लेकर शुरुआती 20वीं शताब्दी के लोग) ने एक घोटाले का सामना किया है और जाल में फसे भी। जोखिम भरी ऑनलाइन गतिविधियों के साथ-साथ कंटेंट के बदले ईमेल एड्रेस साझा करना कुछ ऐसे कारणों में शामिल हैं, जिनकी वजह से स्कैमर्स शिकार को आसानी से टारगेट करते हैं।
यदि आप पुरुष हैं, तो आपको यह जानना ज्यादा जरूरी है कि भारत में धोखाधड़ी करने वालों से बातचीत करने वाले 73% पुरुषों के पैसा गंवाने की संभावना थी। जबकि इसकी तुलना में केवल 27% महिलाएं ही स्कैमर्स की बातों में आईं। भारत में वर्ष 2021 में इस तरह की धोखाधड़ी में पैसा डुबाने वालों को औसतन 15,334 रुपये का नुकसान हुआ। हालांकि, इस तरह पैसा डुबाने वालों में से 88% लोग कुछ पैसा वापस पाने में कामयाब हुए और उन्हें औसतन 10,797 रुपये वापस मिले। इस आंकड़े में से 43% पैसा बैंक ट्रांसफर के जरिए गया, जो भारतीयों द्वारा भुगतान करने का सबसे आम तरीका माना जाता है। अन्य 38% ने गिफ्ट कार्ड, 32% ने क्रेडिट कार्ड, 32% ने पेमेंट गेटवे Paypal और बचे 25% ने Bitcoin से भुगतान किया।
माइक्रोसॉफ्ट ने अपने इस रिसर्च रिपोर्ट में ऑनलाइन फ्रॉड से बचने के लिए लोगों के लिए कुछ सुझाव भी छोड़े हैं। लोगों को अपने कंप्यूटर पर आने वाले पॉप-अप मैसेज पर तुरंत भरोसा न करने की सलाह दी गई है। इसके अलावा पॉप-अप में दिखाई दे रहे नंबर पर कॉल न करने और उसमें मौजूद लिंक पर क्लिक न करने की भी सलाह दी गई है। कंपनी का कहना है कि लोगों को केवल कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट या माइक्रोसॉफ्ट स्टोर से ही सॉफ्टवेयर डाउनलोड करने चाहिए। इसके अलावा, यदि यूज़र को लगता है कि उसके साथ धोखाधड़ी हुई है, तो उसे तुरंत स्कैम रिपोर्ट करने वाले पेज पर इसकी जानकारी देनी चाहिए।