देश की सबसे बड़ी कार कंपनी Maruti Suzuki अगले वर्ष की शुरुआत से अपनी कारों के प्राइसेज बढ़ाने की तैयारी कर रही है। कंपनी ने बताया कि इन्फ्लेशन और हाल के रेगुलेटरी नियमों से कॉस्ट बढ़ने के कारण उसे यह फैसला लेना पड़ा है। सितंबर तिमाही में कंपनी का नेट प्रॉफिट लगभग चार गुना बढ़कर 2,061 करोड़ रुपये से अधिक रहा था।
कंपनी ने रेगुलेटरी फाइलिंग में बताया, "इन्फ्लेशन और हाल के रेगुलेटरी नियमों के कारण कंपनी पर कॉस्ट बढ़ने का प्रेशर है। इस वजह से इसका कुछ भार प्राइस बढ़ाने के जरिए कम करना जरूरी हो गया है। कंपनी ने अगले वर्ष जनवरी से प्राइस में बढ़ोतरी करने की योजना बनाई है। यह कारों के मॉडल्स के अनुसार अलग होगी।" कुछ अन्य ऑटोमोबाइल कंपनियां भी अपनी कारों के प्राइस बढ़ा सकती है। टू-व्हीलर मेकर हीरो मोटोकॉर्प ने भी बाइक और स्कूटर के प्राइसेज बढ़ाने की घोषणा की है।
मारुति सुजुकी की नवंबर में बिक्री बढ़कर लगभग 1.60 लाख यूनिट्स की रही। यह पिछले वर्ष इसी महीने की तुलना में लगभग 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी है।
कंपनी को इस वर्ष Baleno और Grand Vitara के नए वेरिएंट्स के लॉन्च से बिक्री बढ़ाने में मदद मिली है। पिछले महीने कंपनी की बिक्री 1,59,044 यूनिट्स की रही। यह पिछले वर्ष के इसी महीने में 1,39,184 यूनिट्स की थी। हालांकि, अक्टूबर में फेस्टिव सीजन के दौरान लगभग 1.67 लाख यूनिट्स की बिक्री की तुलना में यह कम है। स्मॉल कार सेगमेंट में अपना दबदबा बनाने के बाद कंपनी ने नई जेनरेशन Brezza जैसे लॉन्च के साथ SUV पर फोकस शुरू किया है।
पिछले महीने कंपनी के एक्सपोर्ट में 19,738 यूनिट्स के साथ कुछ गिरावट रही। पिछले वर्ष के इसी महीने में कंपनी ने 21,393 यूनिट्स का एक्सपोर्ट किया था। मारुति सुजुकी के लिए टॉप इंटरनेशनल मार्केट्स में लैटिन अमेरिका, आसियान और मिडल ईस्ट शामिल हैं। कंपनी की Dzire, Swift, S-Presso और Baleno जैसी कारों की विदेश में काफी डिमांड है। कंपनी ने सितंबर में नई Grand Vitara को लॉन्च किया था। मिड-साइज सेगमेंट में हाइब्रिड इंजन वाले व्हीकल्स के कम विकल्प होने से इसे कस्टमर्स से अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है। कंपनी ने लगभग 40 वर्ष पहले देश में बिजनेस शुरू करने के बाद 2.5 करोड़ यूनिट्स से अधिक के
प्रोडक्शन की उपलब्धि हासिल की है। यह पैसेंजर व्हीकल के प्रोडक्शन में इस आंकड़े तक पहुंचने वाली एकमात्र भारतीय कंपनी है।