देश की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के CEO, Rajesh Gopinathan ने इस्तीफा दे दिया है। कंपनी ने उनकी जगह BFSI के हेड, K Krithivasan को CEO नॉमित किया है। कंपनी के साथ गोपीनाथन 15 सितंबर तक बने रहेंगे। पिछले कुछ महीनों से भारत के साथ ही ग्लोबल टेक इंडस्ट्री को इकोनॉमिक स्लोडाउन और कुछ अन्य कारणों से मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
कंपनी ने एक
स्टेटमेंट में कहा, " TCS के साथ 22 वर्ष से अधिक के शानदार करियर और पिछले छह वर्षों के दौरान मैनेजिंग डायरेक्टर और CEO के तौर पर सफल पारी के बाद राजेश गोपीनाथन ने कंपनी को छोड़ने का फैसला किया है। बोर्ड ने K Krithivasan को तुरंत प्रभाव से CEO के तौर पर नामित किया है। गोपीनाथन के साथ कृतिवासन बीच की अवधि में कार्य करेंगे और उन्हें अगले फाइनेंशियल ईयर में मैनेजिंग डायरेक्टर और CEO नियुक्त किया जाएगा।" देश की IT इंडस्ट्री को अपने दो प्रमुख मार्केट्स - अमेरिका और यूरोप में चुनौतियों से जूझना पड़ रहा है।
TCS के साथ 1989 में जुड़ने वाले कृतिवासन ने कंपनी के साथ अपने करियर के दौरान विभिन्न डिविजंस की अगुवाई की है। मौजूदा फाइनेंशियल ईयर की तीसरी तिमाही में
TCS का कंसॉलिडेटेड नेट प्रॉफिट बढ़कर 10,846 करोड़ रुपये रहा था। कंपनी ने पिछले फाइनेंशियल ईयर की इसी तिमाही में लगभग 9,800 करोड़ रुपये का प्रॉफिट हासिल किया था। कंपनी की अक्टूबर-दिसंबर की अवधि के दौरान ऑर्डर बुक 7.8 अरब डॉलर की रही। यह सितंबर तिमाही में 8.1 अरब डॉलर की थी।
एनालिस्ट्स ने तीसरी तिमाही में कंपनी का प्रॉफिट 11,046 करोड़ रुपये रहने का अनुमान दिया था। IT सेक्टर पर अमेरिका और यूरोप में स्लोडाउन का असर पड़ा है, जहां से इसे अपने रेवेन्यू का बड़ा हिस्सा मिलता है। कंपनी ने तीसरी तिमाही के लिए अपने अधिकतर वर्कर्स को 100 प्रतिशत वेरिएबल पे देने का फैसला किया था। TCS ने दूसरी तिमाही में भी 100 प्रतिशत वेरिएबल पे का भुगतान किया था। कंपनी की वर्कफोर्स में तीसरी तिमाही में 2,197 वर्कर्स की कमी हुई थी। दिसंबर में समाप्त तिमाही के TCS की कुल वर्कफोर्स 6,13,974 की थी। पिछले कुछ महीनों में माइक्रोसॉफ्ट सहित कुछ बड़ी सॉफ्टवेयर और टेक कंपनियों ने कॉस्ट घटाने के लिए छंटनी जैसे कदम भी उठाए हैं।