एक्सपर्ट्स का कहना है कि आज के समय में कम से कम 12 से 15 कैरेक्टर्स वाला पासवर्ड होना चाहिए, जिसमें बड़े अक्षर (A-Z), छोटे अक्षर (a-z), नंबर (0-9) और कुछ स्पेशल करैक्टर्स जैसे @, #, $, % शामिल होने ही चाहिए।
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किसी वाक्य को याद रखना और हर शब्द का पहला अक्षर, नंबर और सिंबल मिलाकर पासवर्ड बनाना समझदारी
बैंक अकाउंट से लेकर सोशल मीडिया तक, आजकल हर चीज ऑनलाइन हो चुकी है। लेकिन जितनी आसानी से हम इंटरनेट यूज करते हैं, उतना ही बढ़ गया है साइबर अटैक और डेटा चोरी का खतरा। ऐसे में “पासवर्ड” अब सिर्फ एक लॉगिन की नहीं, बल्कि हमारी डिजिटल लाइफ की सबसे पहली सिक्योरिटी लेयर बन चुकी है। कई लोग आज भी ‘123456' या अपना नाम डालकर काम चला लेते हैं, लेकिन यही लापरवाही सबसे बड़ा खतरा बनती है। तो सवाल ये है कि एक ऐसा पासवर्ड कैसे बनाएं जो याद भी रहे और हैक भी न हो सके।
पासवर्ड स्ट्रॉन्ग बनाने के लिए सबसे पहले आपको ये समझना जरूरी है कि हैकर्स अब सिर्फ दूसरों के पासवर्ड गेस नहीं करते या पुराने जमाने के ब्रूट फोर्स टूल्स इस्तेमाल नहीं करते, बल्कि कई AI-पावर्ड ऑटोमेटेड सॉफ्टवेयर से हर सेकंड लाखों कॉम्बिनेशन ट्राय करते हैं। यानी अगर आपका पासवर्ड छोटा, आसान या आसान तुक्का लगाने लायक है, तो वो कुछ सेकंड में टूट सकता है।
पिछले कई सालों में कई साइबर सिक्योरिटी रिपोर्ट्स में ये सामने आ चुका है कि दुनियाभर के करोड़ों लोग लगभग एक समान पासवर्ड रखते हैं, जिनमें 123456.... जैसे कंटिन्युअस नंबर, उनके नाम या जन्म तिथि शामिल होती हैं और यूजर्स की ये सभी जानकारियां आज के समय में ऑनलाइन उपलब्ध होती हैं। आसान तुक्के या सिंपल ब्रूट फोर्स से इन्हें क्रैक किया जा सकता है।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि आज के समय में कम से कम 12 से 15 कैरेक्टर्स वाला पासवर्ड होना चाहिए, जिसमें बड़े अक्षर (A-Z), छोटे अक्षर (a-z), नंबर (0-9) और कुछ स्पेशल करैक्टर्स जैसे @, #, $, % शामिल होने ही चाहिए।
एक और बड़ी गलती लोग ये करते हैं कि एक ही पासवर्ड हर जगह यूज करते हैं। ये आदत छोड़ना बेहद जरूरी है। अगर एक साइट से डेटा लीक हुआ, तो बाकी सारे अकाउंट भी खतरे में आ जाते हैं। इसके लिए आप पासवर्ड मैनेजर ऐप्स का इस्तेमाल कर सकते हैं जैसे Bitwarden, 1Password, Dashlane या ऑनलाइन उपलब्ध कई अन्य टूल्स। ये आपके सारे पासवर्ड को एन्क्रिप्ट करके सुरक्षित रखते हैं और आपको हर साइट के लिए अलग पासवर्ड बनाने की सुविधा देते हैं।
पासवर्ड के साथ-साथ टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) भी जरूर ऑन करें। इससे अगर कोई आपका पासवर्ड जान भी ले, तो बिना वेरिफिकेशन कोड के लॉगिन नहीं कर पाएगा। आप चाहें तो ऑथेंटिकेटर ऐप जैसे Google Authenticator या Microsoft Authenticator यूज कर सकते हैं। इनमें सपोर्टेड प्लेटफॉर्म पर लॉगिन के समय यूजर को अपना यूजरनेम और पासवर्ड डालने होता है और उसके बाद इन ऑथेंटिकेटर ऐप के अंदर मौजूद स्पेशल Key को डालकर ही प्लेटफॉर्म पर लॉगिन होता है। ये सिक्योरिटी की एक एक्स्ट्रा लेयर प्रोवाइड कराता है।
पासवर्ड को किसी डायरी में लिखने से बचें और ‘पासवर्ड123' या अपने बर्थडे जैसी चीजें कभी यूज न करें। बेहतर होगा कि आप कोई वाक्य याद रखें और हर शब्द का पहला अक्षर, नंबर और सिंबल मिलाकर पासवर्ड बनाएं। उहादरण के लिए “MeraPehlaGhar2009!” को शॉर्ट करके “MPG@2009!” बना सकते हैं, या अपने पालतू जानवर के नाम और उसकी बर्थ डेट को स्पेशल करेक्टर के साथ मिलाकर बना सकते हैं, जैसे Leonard और 10 Nov 2024 को मिलाकर L3@nard$101124 हो सकता है। इस तरह E को 3 या A/O को @ के साथ बदल सकते हैं, S को & या I/L को ! के साथ बदल सकते हैं।
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