पोलैंड में संसद के सदस्यों के ईमेल अकाउंट्स को हैक करने का मामला सामने आया है। पोलिश काउंटर-इंटेलिजेंस ने शुक्रवार को कहा कि संसद के लगभग एक दर्जन सदस्यों के ईमेल अकाउंट्स को हाल ही में हैक कर लिया गया था। हाल के वर्षों में यह देश पर सबसे बड़े साइबर हमलों में से एक था। इसके बारे में अधिकारियों ने और अधिक जानकारी का खुलासा भी किया।
अधिकारियों के यह कहने के दो सप्ताह बाद खुलासा हुआ है कि पोलिश सरकार के शीर्ष अधिकारी जून में किए गए एक दूरगामी साइबर हमले की चपेट में आ गए थे। इस हमले ने वर्तमान और पूर्व सरकारी अधिकारियों के 100 से अधिक ईमेल अकाउंट्स को प्रभावित किया था।
कथित तौर पर ब्रीच किए गए अकाउंट्स में प्रधान मंत्री के शीर्ष सहयोगी माइकल ड्वोर्ज़िक का पर्सनल अकाउंट भी था। यह सेंध लीक की एक श्रृंखला का आधार बनी। जिसके कारण गोपनीय दस्तावेजों के आदान-प्रदान के लिए निजी खातों का उपयोग करने के लिए अधिकारियों की विपक्षी आलोचना भी हुई।
शुक्रवार को एक बयान में काउंटर-इंटेलिजेंस अधिकारियों ने कहा कि हैकिंग की चपेट में आए सांसद लगभग हर संसदीय विपक्षी समूह से आते हैं। प्रभावित लोगों को सूचित किया गया था और उन्हें साइबर सुरक्षा ट्रेनिंग भी दी गई थी।
बयान में हैक किए गए सांसदों की जानकारी नहीं दी गई है।
पोलिश काउंटर-इंटेलिजेंस ने 22 जून को कहा कि सबूत हैकर्स और रूस की गुप्त सेवाओं के बीच संबंध बताते हैं।
उन्होंने कहा कि हमला UNC1151 के नाम से जाने जाने वाले हैकरों द्वारा किया गया था। समूह की कार्रवाइयाँ एक अभियान का हिस्सा हैं, जिसे घोस्ट राइटर के रूप में जाना जाता है। इसने हाल के महीनों में पोलिश राजनेताओं को निशाना बनाया है और इसने इस क्षेत्र के अन्य देशों को भी प्रभावित किया है।
अमेरिकी क्षेत्र, यूक्रेन और सऊदी अरब पर साइबर हमलों के बारे में संयुक्त राज्य अमेरिका के आरोपों के बाद रूसी सरकार और क्रेमलिन ने साइबर हमलों को अंजाम देने या उनको सहन करने से बार-बार इनकार किया है।
पोलैंड की संसद का निचला सदन 'सेजम' (Sejm) टिप्पणी के लिए तुरंत उपलब्ध नहीं था।