केंद्र सरकार ने एक YouTube चैनल पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, सुप्रीम कोर्ट, देश के चीफ जस्टिस और चुनाव आयोग के खिलाफ फेक न्यूज फैलाने का आरोप लगाया है। प्रेस इनफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) ने बताया कि इस यूट्यूब चैनल के लगभग 10 लाख सब्सक्राइबर्स और लगभग 32 करोड़ व्यूज हैं।
PIB के फैक्ट चेक हैंडल ने ट्वीट कर बताया, "एक यूटयूब चैनल 'News Headlines' को प्रधानमंत्री, सुप्रीम कोर्ट, देश के चीफ जस्टिस और चुनाव आयोग के खिलाफ फेक न्यूज फैला रहा है।" इस यूट्यूब चैनल पर "देश के चीफ जस्टिस के आदेश के बाद चुनावों को मतदान पत्र के जरिए कराने" और उत्तर प्रदेश विधानसभा की 131 सीटों पर दोबारा चुनाव होने जैसी फेक न्यूज फैलाने का आरोप है। इससे पहले इसने यह भी दावा किया था कि रोड ट्रांसपोर्ट और हाइवेज मिनिस्टर नितिन गडकरी ने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया है और वह कांग्रेस में शामिल हो गए हैं।
हाल ही में
यूट्यूब ने बताया था कि उसने प्लेटफॉर्म की कम्युनिटी गाइडलाइंस का उल्लंघन करने की वजह से लगभग 56 लाख वीडियोज को हटाया है। PIB की फैक्ट चेकिंग टीम केंद्र सरकार की ओर से मीडिया को जानकारी देती है। यह सोशल मीडिया और उससे जुड़े चैनलों पर फेक न्यूज की पहचान कर लोगों को उसके खिलाफ चेतावनी देती है।
YouTube ने जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान भारत में 17 लाख से ज्यादा
वीडियो कंपनी की कम्युनिटी गाइडलाइंस का उल्लंघन करने की वजह से हटाए हैं। यूट्यूब ने तीसरी तिमाही के लिए कम्युनिटी गाइंडलाइंस रिपोर्ट में बताया था, "मशीन की मदद से पकड़े गए वीडियो में से 36 प्रतिशत को एक भी व्यू मिलने से पहले और 31 प्रतिशत को 1 से 10 व्यू मिलने पर हटा दिया गया था।" इसके अलावा गाइडलाइंस के उल्लंघन से जुड़े 73.7 करोड़ से अधिक कमेंट्स को हटाया गया है। यूट्यूब के डेटा से पता चलता है कि लगभग 99 प्रतिशत कमेंट्स को इस प्लेटफॉर्म के ऑटोमेटेड सिस्टम की ओर से मिली चेतावनी के बाद और बाकी को यूजर्स के आपत्ति जताने पर हटाया गया था। यूट्यूब की मालिक Alphabet है। यह इंटरनेट सर्च इंजन गूगल को भी चलाती है। स्लोडाउन के कारण विज्ञापनों में कमी होने की वजह से यूट्यूब रेवेन्यू बढ़ाने के अन्य जरियों की तलाश कर रही है।