अमेरिकी टेक्नोलॉजी कंपनी Google ने शुक्रवार को बताया है कि उसके Play Store की बिलिंग पॉलिसी का पालन नहीं करने के कारण देश के ऐप डिवेलपर्स के एक ग्रुप के खिलाफ वह एक्शन लेगी। इंटरनेट सर्च इंजन और टेक्नोलॉजी कंपनी गूगल की मालिक Alphabet है। कंपनी का दावा है कि इन ऐप डिवेलपर्स ने उसकी सर्विसेज लेने के लिए प्ले स्टोर की फीस का भुगतान नहीं किया है। इस वजह से इन्हें इस Android ऐप मार्केटप्लेस से हटाया जा सकता है।
इस बारे में TechCrunch की रिपोर्ट में बताया गया है कि देश की कुछ कंपनियों ने मद्रास हाई कोर्ट में याचिकाएं दायर कर गूगल के प्ले स्टोर की बिलिंग पॉलिसी को चुनौती दी थी। इन कंपनियों की दलील है कि गूगल अपनी सर्विसेज के लिए भारी फीस वसूलती है। गूगल की ओर से किसी पेड ऐप के प्रति डाउनलोड पर 11 प्रतिशत से 26 प्रतिशत तक सर्विस फीस लगाई जाती है। इसके अलावा
ऐप में की गई खरीदारी पर भी फीस ली जाती है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि इन कंपनियों में Unacademy, Kuku FM और Info Edge शामिल हैं। NDTV Profit की रिपोर्ट के अनुसार, हाई कोर्ट ने इस अपील को खारिज कर दिया था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इन कंपनियों की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई करने की सहमति दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने प्ले स्टोर से इन कंपनियों की ऐप्स को डीलिस्ट न करने के लिए गूगल को कोई इंटरिम ऑर्डर देने से इनकार कर दिया था। इन कंपनियों ने बाद में
गूगल को पत्र लिखकर सुप्रीम कोर्ट के 19 मार्च को विशेष अनुमति याचिका की सुनवाई करने तक ऐप्स को डीलिस्ट नहीं करने का निवेदन किया था। हालांकि, गूगल की ओर से यह संकेत दिया गया है कि वह इस निवेदन को मानने के लिए तैयार नहीं है और फीस नहीं चुकाने के कारण इन ऐप डिवेलपर्स के खिलाफ एक्शन लेना शुरू किया जाएगा।
गूगल ने कहा है, "वर्षों से किसी कोर्ट या रेगुलेटर ने गूगल के प्ले स्टोर की सर्विस के लिए फीस लेने के अधिकार को मना नहीं किया है। सुप्रीम कोर्ट ने भी 9 फरवरी को ऐसा करने के हमारे अधिकार में हस्तक्षेप करने से मना कर दिया था। इनमें से कुछ ऐप डिवेलपर्स ने हमारे बिजनेस मॉडल और इकोसिस्टम में उचित तरीके से हिस्सा लेना शुरू कर दिया है। हालांकि, कुछ अन्य ऐसा नहीं करने के तरीके खोज रहे हैं।" गूगल ने बताया है कि देश में केवल 60 ऐप डिवेलपर्स ने 15 प्रतिशत से अधिक फीस ली जा रही है। फीस नहीं चुकाने वाले ऐप डिवेलपर्स के खिलाफ एक्शन नहीं लेना बिलिंग पॉलिसी का पालन करने वाले दो लाख से अधिक ऐप डिवेलपर्स के साथ गलत होगा।