कई देशों में बिजनेस रखने वाले अडानी ग्रुप के चीफ Gautam Adani ने एशिया के सबसे रईस व्यक्ति की पोजिशन दोबारा हासिल कर ली है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अडानी ग्रुप के खिलाफ Hindenburg Research के आरोपों की कोई नई जांच की जरूरत नहीं है।
Bloomberg Billionaires Index के अनुसार, पिछले कुछ दिनों में
अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयर्स में जोरदार तेजी से गौतम अडानी की नेटवर्थ लगभग 7.7 अरब डॉलर बढ़कर 97.6 अरब डॉलर पर पहुंच गई है। उन्होंने Reliance Industries के चेयरमैन Mukesh Ambani को पीछे छोड़ा है। अंबानी की नेटवर्थ 97 अरब डॉलर की है। फर्स्ट जेनरेशन के कारोबारी अडानी ने 1980 के दशक में डायमंड ट्रेडर के तौर पर शुरुआत की थी। अडानी ग्रुप का बिजनेस पोर्ट्स से लेकर पावर सेक्टर तक से जुड़ा है। पिछले वर्ष Hindenburg Research के कॉरपोरेट फ्रॉड के आरोपों से इनकार करने के बावजूद अडानी ग्रुप की लिस्टेड कंपनियों के शेयर्स में भारी गिरावट आई थी। इससे अडानी ग्रुप को 150 अरब डॉलर से ज्यादा का नुकसान हुआ था।
इसके बाद अडानी ग्रुप ने इनवेस्टर्स को वापस लाने, लेंडर्स को आश्वस्त करने और कर्ज चुकाने में कई महीने लगाए थे। पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट के मार्केट्स रेगुलेटर SEBI को अडानी ग्रुप की जांच तीन महीने में समाप्त करने का आदेश देने के बाद इसकी कंपनियों के शेयर्स में जोरदार तेजी आई है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इस मामले की और जांच करने की जरूरत नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद गौतम अडानी की वेल्थ लगभग 13.3 अरब डॉलर बढ़ी है। अडानी ग्रुप ने अपने कारोबारों के पर्यावरण के अनुकूल बनाने में अगले एक दशक में 100 अरब डॉलर का इनवेस्टमेंट करने की योजना बनाई है। इसके साथ ही इस ग्रुप के बिजनेस को तेजी से डायवर्सिफाइ किया जा रहा है। इसके नए कारोबारों में डेटा सेंटर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, एयरपोर्ट्स और मीडिया शामिल हैं। अडानी एंटरप्राइसेज की यूनिट Adani Data Networks ने 5G
स्पेक्ट्रम की नीलामी में 400MHz स्पेक्ट्रम लगभग 212 करोड़ रुपये में खरीदा था। अडानी ग्रुप ने कहा था कि उसकी योजना इस स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल अपने डेटा सेंटर्स के साथ ही उस ऐप के लिए इस्तेमाल करने की है जो उसके बिजनेस को सपोर्ट करने के लिए बन रहा है।