देश में जल्द ही पूरी तरह इथनॉल से चलने वाली कारें सड़कों पर उतर सकती है। इसी कड़ी में अगले सप्ताह पूरी तरह इथनॉल से चलने वाली Toyota की Innova को रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाइवेज मिनिस्टर, Nitin Gadkari लॉन्च करेंगे। पिछले वर्ष गडकरी ने हाइड्रोजन से चलने वाली Toyota Mirai EV को लॉन्च किया था।
एनवायरमेंटल फ्रेंडली ट्रांसपोर्टेशन का पक्ष लेने वाली गडकरी ने ऑटोमोबाइल कंपनियों से ऑल्टरनेटिव फ्यूल से चलने वाली
कारों को डिवेलप करने के लिए कहा है। गडकरी ने बताया, "मैं 29 अगस्त को 100 प्रतिशत इथनॉल पर चलने वाली टोयोटा की इनोवा को लॉन्च करूंगा।" यह दुनिया का पहला BS-VI (स्टेज-II) इलेक्ट्रिफाइड फ्लेक्स फ्यूल व्हीकल होगा। गडकरी ने बताया कि उन्होंने 2004 में देश में पेट्रोल का प्राइस बढ़ने के बाद बायोफ्यूल में दिलचस्पी लेना शुरू किया था और इसके लिए ब्राजील का दौरा किया था। उनका कहना था कि बायोफ्यूल से पेट्रोलियम पर खर्च होने वाले फॉरेक्स की काफी बचत की जा सकती है।
गडकरी ने कहा, "अगर हम आत्मनिर्भर बनना चाहते हैं तो हमें ऑयल के इम्पोर्ट को शून्य पर लाना होगा। ऑयल के इम्पोर्ट पर 16 लाख करोड़ रुपये का खर्च होता है। यह इकोनॉमी के लिए एक बड़ा नुकसान है।" इस सप्ताह की शुरुआत में गडकरी ने कार क्रैश सेफ्टी टेस्ट और रेटिंग प्रोग्राम भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (NCAP) लॉन्च किया था। अमेरिका, जापान, चीन और दक्षिण कोरिया के बाद भारत इस तरह का प्रोग्राम शुरू करने वाला पांचवां देश है। इसका लक्ष्य कारों की सेफ्टी बढ़ाना है। ऑटोमोबाइल कंपनियों ने भारत NCAP का स्वागत किया है।
इससे भारत में कारों की सेफ्टी बढ़ेगी और एक्सपोर्ट किए जाने वाले
व्हीकल्स की बेहतर क्वालिटी को सुनिश्चित किया जा सकेगा। इसके तहत कारों की विभिन्न तरीकों से टेस्टिंग की जाएगी। ये तरीके Global NCAP के अनुसार हैं। टेस्टिंग के बाद कारों को सेफ्टी रेटिंग मिलेगी। इसके तहत 3.5 टन के मोटर व्हीकल्स के लिए सेफ्टी स्टैंडर्ड्स को बढ़ाया जाएगा। रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाइवेज मिनिस्ट्री ने कहा है कि इससे कार बायर्स को ऑटोमोबाइल मार्केट में उपलब्ध मोटर व्हीकल्स की क्रैश सेफ्टी का आकलन करने में आसानी होगी। इसमें कार मेकर्स स्वेच्छा से अपनी कारों की टेस्टिग करा सकेंगे। क्रैश टेस्ट में कार के प्रदर्शन के आधार पर स्टार रेटिंग दी जाएंगी।