बड़ी इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) कंपनियों में शामिल Tesla ने अपना पहला इलेक्ट्रिक पिकअप या सायबरट्रक बना लिया है। कंपनी के इस प्रोजेक्ट में दो वर्ष की देरी हुई है। टेस्ला ने अप्रैल में कहा था कि वह इस वर्ष अपना पहला सायबरट्रक तैयार कर लेगी। कंपनी ने इस सायबरट्रक की लगभग चार वर्ष पहले घोषणा की थी।
टेस्ला ने एक ट्वीट कर बताया, "टेक्सास की फैक्टरी में पहला सायबरट्रक बनाया गया है।" इसके साथ इस व्हीकल की एक फोटो भी पोस्ट की गई है।
टेस्ला और माइक्रोब्लॉगिंग साइट Twitter के चीफ Elon Musk ने इस ट्वीट को रीट्वीट करते हुए टेस्ला की टीम को बधाई दी है। इस बारे में AFP की ओर से टिप्पणी के लिए भेजे गए निवेदन का टेस्ला ने उत्तर नहीं दिया। कंपनी ने सायबरट्रक के तीन मॉडल बनाने की तैयारी की है। यह व्हीकल तीन सेकेंड से कम में शून्य से 100 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड पकड़ सकता है। इसके बेस मॉडल का प्राइस 39,900 डॉलर होगा।
कंपनी ने भारत में फैक्टरी लगाने के लिए केंद्र सरकार के साथ एक इनवेस्टमेंट प्रपोजल पर बातचीत शुरू कर दी है। कंपनी की फैक्टरी की वार्षिक कैपेसिटी लगभग पांच लाख यूनिट्स की होगी। कंपनी की भारत में बनी इलेक्ट्रिक कारों के प्राइसेज 20 लाख रुपये से शुरू हो सकते हैं। हाल ही में एक मीडिया रिपोर्ट में सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया गया था कि टेस्ला की योजना भारत को एक्सपोर्ट के लिए बेस बनाने की भी है। पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ मस्क की अमेरिका में मीटिंग हुई थी। इस मीटिंग में मोदी ने मस्क को भारत में इनवेस्टमेंट करने के लिए प्रोत्साहित किया था।
इसके बाद
मस्क ने कहा था कि वह जितना जल्द हो सके भारत में इनवेस्टमेंट करने पर विचार कर रहे हैं। उनका कहना था, "दुनिया में किसी बड़े देश की तुलना में भारत में अधिक संभावनाएं हैं। मुझे विश्वास है कि टेस्ला जितना जल्द हो सके भारत में आएगी।" मस्क ने अगले वर्ष भारत की यात्रा करने का भी संकेत दिया था। टेस्ला की इस वर्ष के अंत तक फुली ऑटोनॉमस व्हीकल्स को लॉन्च करने की तैयारी है। पिछले कुछ वर्षों से कंपनी इस टेक्नोलॉजी को डिवेलप कर रही है। इससे पहले मस्क फुली ऑटोनॉमस सेल्फ-ड्राइविंग व्हीकल्स लाने की अपनी समयसीमा को पूरा नहीं कर सके थे।