इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार की ओर से कुछ उपाय किए गए हैं। इसी कड़ी में हेवी इंडस्ट्रीज मिनिस्ट्री ने फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (FAME) II स्कीम को पेश किया था। हालांकि, यह स्कीम समाप्त हो चुकी है लेकिन तीन इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर कंपनियों पर इसमें जाली तरीके से इंसेंटिव्स लेने के संदेह में जांच की जा रही है। इन कंपनियों में Hero Electric, Okinawa Autotech और Benling शामिल हैं।
एक मीडिया
रिपोर्ट के अनुसार, सीरियस फ्रॉड इनवेस्टिगेशन ऑफिस (SFIO) ने लगभग 270 करोड़ रुपये की सब्सिडी में गड़बड़ी के आरोपों को लेकर इन कंपनियों के परिसरों पर छापा मारा है। यह जांच ऐसे
EV मैन्युफैक्चरर्स के खिलाफ अभियान का हिस्सा है जिन्होंने कथित तौर पर नियमों का उल्लंघन कर इस स्कीम का गलत इस्तेमाल किया था। इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को बढ़ावा देने के लिए 2019 में FAME II स्कीम को लॉन्च किया गया था। इसमें EV के लिए देश में बने कंपोनेंट्स का इस्तेमाल करने के लिए मैन्युफैक्चरर्स को लगभग 10,000 करोड़ रुपये के इंसेंटिव्स की पेशकश की गई थी। इस जांच में पाया गया था कि कुछ EV कंपनियों ने इस नियम का पालन नहीं किया था। इन कंपनियों ने चीन से इम्पोर्ट किए गए पार्ट्स इस्तेमाल किए थे।
SFIO ने बताया, "इन तीन कंपनियों ने सब्सिडी का दावा करने के लिए हेवी इंडस्ट्रीज मिनिस्ट्री को गलत तरीके से दिशानिर्देशों का पालन करना दिखाया था। यह बाद में गलत और झूठा पाया गया था।" इन तीनों कंपनियों ने EV की मैन्युफैक्चरिंग के लिए FAME II के तहत प्रतिबंधित पार्ट्स का इस्तेमाल किया था। हेवी इंडस्ट्रीज मिनिस्ट्री ने भी फेज्ड मैन्युफैक्चरिंग प्लान (PMP) नियमों का पालन किए बिना सब्सिडी का दावा करने को लेकर जांच की थी। मिनिस्ट्री को कुछ अज्ञात ईमेल प्राप्त हुई थी जिनमें आरोप लगाया गया था कि बहुत से EV मैन्युफैक्चरर्स नियमों का उल्लंघन कर सब्सिडी ले रहे हैं।
मिनिस्ट्री ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स के तहत आने वाले SFIO ने छापे के दौरान डेटा, बही खाते और कुछ अन्य मैटीरियल सबूत के तौर पर जब्त किया है। इस मामले में आगे जांच की जा रही है। सरकार की ओर से ऐसे EV मेकर्स को आगामी FAME III स्कीम के लिए ब्लैकलिस्ट किया जा सकता है जिन्होंने FAME II में नियमों का उल्लंघन किया था।