इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) को दुनियाभर में तेजी से अपनाया जा रहा है। पारंपरिक ईंधन महंगा होने के साथ ही पर्यावरण के लिए भी नुकसानदायक है, इसलिए दुनियाभर के देशों में सरकारें इलेक्ट्रिक एनर्जी से चलने वाले व्हीकल को बढ़ावा दे रही हैं। भारत में EV मार्केट तेजी से फैल रही है। लेकिन एक देश अब इलेक्ट्रिक वाहनों को बैन करने पर विचार कर रहा है! जी हां, खबर है कि चीन इलेक्ट्रिक स्कूटर और इलेक्ट्रिक बाइक्स को कुछ शहरों में बैन करने पर विचार कर रहा है। क्या कारण है कि एक तरफ जहां विश्व में ईवी तेजी से फैल रहे हैं, यहां बैन करने की नौबत आ गई? आइए जानते हैं।
चीन में इलेक्ट्रिक टूव्हीलर पर बैन लगाने का विचार किया जा रहा है। सामने आया है कि देश में इलेक्ट्रिक टूव्हीलर जैसे इलेक्ट्रिक स्कूटर और इलेक्ट्रिक साइकल के कारण रोड पर होने वाली दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ी है। चीन की एक न्यूज वेबसाइट jznews के
मुताबिक, ईवी दुर्घटनाओं के कारण मरने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ी है। रोड साइड पर चलने वाले राइडर पैदल चलने वाले लोगों से अक्सर टकरा जाते हैं, जिससे दुर्घटनाएं हो रही हैं। इसका एक कारण ये भी है कि कुछ लोग बिना ट्रेनिंग लिए ही इन्हें चलाने लगते हैं। इसके अलावा इनसे संबंधित ट्रैफिक नियमों की जानकारी भी बहुत से लोगों को नहीं होती है, जिससे रोड पर समस्याएं पैदा हो रही हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2019 में चीन में
ई-बाइक के कारण होने वाली दुर्घटनाओं की संख्या 10 हजार थी जिसमें कि 2 हजार के लगभग लोग मारे गए थे। लेकिन पिछले चार सालों में इस संख्या में बहुत अधिक बढ़ोत्तरी हो चुकी है। यानि कि ईवी के कारण जो दुर्घनाएँ हो रही हैं, उनकी संख्या भी बढ़ी है और साथ ही उनमें मरने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ी है। इन सभी समस्याओँ को देखते हुए चीन के अंदर कुछ क्षेत्रों में ईवी पर बैन लगाए जाने की बात सामने आ रही है। इनमें बीजिंग शहर भी शामिल है।
इलेक्ट्रिक व्हीकल को बैन करने की चर्चा शुरू होते ही लोगों ने इस बात के लिए भी चिंता जाहिर कर दी है कि अगर ईलेक्ट्रिक टूव्हीलर बैन होते हैं लोगों को एक-दूसरी जगह जाने में पेरशानी होगी। क्योंकि जो लोग कार अफॉर्ड नहीं कर सकते हैं, उनके लिए यह परेशानी पैदा करने वाला फैसला साबित होगा। लोगों का कहना है कि ईवी बैन करने से समस्याएं कम होने की बजाए और ज्यादा बढ़ जाएंगी, क्योंकि ईवी यातायात का सस्ता और सरल साधन है। रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि चीन के अलावा दुनिया के कई और देशों के शहर इसे बैन करने पर विचार कर रहे हैं।