देश के टेलीकॉम सेक्टर में अगले वर्ष कई बड़े बदलाव हो सकते हैं। टेलीकॉम कंपनियां लोगों को 5G सर्विसेज के साथ कनेक्ट करने और अपने ऑपरेशंस की कॉस्ट घटाने पर जोर देंगी। अगले वर्ष ये कंपनियां 1.5 लाख करोड़ रुपये का इनवेस्टमेंट कर सकती हैं। कर्ज के बोझ से दबे इस सेक्टर से पिछले तीन वर्षों में कुछ कंपनियां बाहर हुई हैं।
अडानी ग्रुप भी टेलीकॉम बिजनेस के लिए अपनी योजना की घोषणा कर सकता है। रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने अगले वर्ष के अंत तक देश भर में 5G नेटवर्क शुरू करने के लिए दो लाख करोड़ रुपये का इनवेस्टमेंट करने की घोषणा की है। टेलीकॉम सेक्रेटरी K Rajaraman ने
कहा, "5G के कारण यह वर्ष रोमांचक रहा है। यह एक बड़ा कदम है। हम अगले वर्ष 5G के तेजी से विस्तार की उम्मीद कर रहे हैं।" उन्होंने बताया कि टेलीकॉम ऑपरेटर्स के ऑपरेशंस की कॉस्ट घटाने के लिए सरकार उपाय करना जारी रखेगी। इससे इन कंपनियों के लिए मार्जिन बढ़ेगा, जो एक वर्ष से अधिक से कर्ज के बोझ से दबी हैं।
रिलायंस जियो ने स्पेक्ट्रम के लिए 87,946 करोड़ रुपये का 20 वर्ष की अवधि में भुगतान करना है। कंपनी अगले वर्ष बाकी के 1.12 लाख करोड़ रुपये का बड़ा हिस्सा कैपिटल एक्सपेंडिचर के तौर पर इनवेस्ट करेगी। भारती एयरटेल की 5G नेटवर्क पर लगभग 28,000 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना है। देश में अगले वर्ष 5G स्मार्टफोन की शिपमेंट्स 4G हैंडसेट्स को पीछे छोड़ देंगी। टेलीकॉम कंपनियों के तेजी से 5G नेटवर्क लॉन्च करने और कम प्राइस वाले हैंडसेट्स की बिक्री में बढ़ोतरी इसके पीछे बड़े कारण होंगे। हालांकि, इस वर्ष कंपोनेंट्स की सप्लाई में रुकावटों और स्लोडाउन से देश में स्मार्टफोन की कुल शिपमेंट्स में कमी आने का अनुमान है।
5G सर्विसेज से अगले वर्ष
स्मार्टफोन की डिमांड बढ़ सकती है। देश में 5G की डेटा स्पीड 4G से लगभग 10 गुना तेज होने की संभावना है। कम प्राइस वाली कैटेगरी में 5G स्मार्टफोन्स की हिस्सेदारी के अगले वर्ष बढ़कर 30 प्रतिशत तक पहुंचने की संभावना है। देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो इंटरनेट सर्च इंजन Google को चलाने वाली अमेरिकी कंपनी Alphabet के साथ एक बजट 5G स्मार्टफोन लॉन्च करने की तैयारी कर रही है।
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