• होम
  • मोबाइल
  • ख़बरें
  • भारत में अगले वर्ष बिक्री में 4G हैंडसेट्स को पीछे छोड़ देंगे 5G स्मार्टफोन

भारत में अगले वर्ष बिक्री में 4G हैंडसेट्स को पीछे छोड़ देंगे 5G स्मार्टफोन

इस वर्ष कंपोनेंट्स की सप्लाई में रुकावटों और स्लोडाउन से देश में स्मार्टफोन की कुल शिपमेंट्स में कमी आने का अनुमान है

भारत में अगले वर्ष बिक्री में 4G हैंडसेट्स को पीछे छोड़ देंगे 5G स्मार्टफोन

कम प्राइस वाली कैटेगरी में 5G स्मार्टफोन्स की हिस्सेदारी बढ़कर 30 प्रतिशत तक पहुंच सकती है

ख़ास बातें
  • 5G सर्विसेज से अगले वर्ष स्मार्टफोन की डिमांड बढ़ सकती है
  • देश में 5G की डेटा स्पीड 4G से लगभग 10 गुना तेज होने की संभावना है
  • भारतीय स्मार्टफोन मार्केट में चाइनीज कंपनियों की बड़ी हिस्सेदारी है
विज्ञापन
देश में अगले वर्ष के अंत तक 5G स्मार्टफोन की शिपमेंट्स 4G हैंडसेट्स को पीछे छोड़ देंगी। टेलीकॉम कंपनियों के तेजी से 5G नेटवर्क लॉन्च करने और कम प्राइस वाले हैंडसेट्स की बिक्री में बढ़ोतरी इसके पीछे बड़े कारण होंगे। हालांकि, इस वर्ष कंपोनेंट्स की सप्लाई में रुकावटों और स्लोडाउन से देश में स्मार्टफोन की कुल शिपमेंट्स में कमी आने का अनुमान है।

मार्केट रिसर्च फर्म Counterpoint ने बताया कि 5G सर्विसेज से अगले वर्ष स्मार्टफोन की डिमांड बढ़ सकती है। देश में 5G की डेटा स्पीड 4G से लगभग 10 गुना तेज होने की संभावना है। कम प्राइस वाली कैटेगरी में 5G स्मार्टफोन्स की हिस्सेदारी के अगले वर्ष बढ़कर 30 प्रतिशत तक पहुंचने की संभावना है। देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो इंटरनेट सर्च इंजन Google को चलाने वाली अमेरिकी कंपनी Alphabet के साथ एक बजट 5G स्मार्टफोन लॉन्च करने की तैयारी कर रही है। रिलायंस जियो ने कुछ महीने पहले हुई 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी में सबसे अधिक खर्च किया था। 

अगले वर्ष की दूसरी तिमाही में 5G स्मार्टफोन की कुल शिपमेंट्स 10 करोड़ यूनिट्स से अधिक हो सकती हैं। इसके बाद वर्ष के अंत तक ये 4G हैंडसेट्स की शिपमेंट्स को पीछे छोड़ देंगी। मौजूदा वर्ष की दूसरी तिमाही में मेड इन इंडिया स्मार्टफोन्स की शिपमेंट्स में काफी तेजी आई थी। हालांकि, तीसरी तिमाही में इन डिवाइसेज की डिमांड वर्ष-दर-वर्ष आधार पर लगभग 8 प्रतिशत घटी है। इस अवधि में भारतीय स्मार्टफोन मार्केट ने 5.2 करोड़ से अधिक यूनिट्स की शिपमेंट्स की। इसका कारण सेल्स में कमी आना है। 

Counterpoint का कहना है कि स्मार्टफोन्स की सेल्स में गिरावट का एक कारण कुछ देशों के बीच तनाव भी हो सकता है। इसके अलावा विशेषतौर पर एंट्री लेवल सेगमेंट में कंज्यूमर डिमांड कम हुई है। इसके पीछे स्लोडाउन एक बड़ा कारण है। इसके अलावा तिमाही की शुरुआत में इनवेंटरी अधिक होने का भी हैंडसेट्स के प्रोडक्शन पर असर पड़ा है। iPhone बनाने वाली Apple ने इस वर्ष ग्लोबल स्मार्टफोन में रेवेन्यू के लिहाज से टॉप पोजिशन बरकरार रखी है। कंपनी ने तीसरी तिमाही में स्मार्टफोन की सेल्स में लगभग 3 प्रतिशत की गिरावट के बावजूद रेवेन्यू में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है। कंपनी के एवरेज सेलिंग प्राइस में लगभग 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी इसका पीछे एक बड़ा कारण है। 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

आकाश आनंद

Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी न्यूज एडिटर हैं। उनके पास प्रमुख ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. ISRO का मल्टी-बैंड कम्युनिकेशन सैटेलाइट इस सप्ताह होगा लॉन्च
  2. Apple के नए MacBook और iPads में मिल सकती है OLED स्क्रीन
  3. iQOO Neo 11: गेमर्स के लिए आया मिड-रेंज फोन, इसमें है 7500mAh बैटरी और कूलिंग सिस्टम, जानें कीमत
  4. Huawei Mate X7 के लॉन्च की तैयारी, मिल सकता है 7.95 इंच फोल्डेबल डिस्प्ले 
  5. Smartphone Blast: हाथ में फट गया Samsung का ये नया फ्लैगशिप फोन! फिर उठे सेफ्टी पर सवाल
  6. बैंक के Wi-Fi का नाम अचानक हुआ 'Pak Zindabad', मच गया हड़कंप!
  7. इतना छोटा, लेकिन है पावरहाउस! Asus के नए Mini Gaming PC का कॉन्फिगरेशन जानकर रह जाओगे दंग
  8. BSNL को मिले Bharti Airtel से ज्यादा नए मोबाइल सब्सक्राइबर्स
  9. IND vs AUS Live: भारत-ऑस्ट्रेलिया सेमीफाइनल मैच LIVE ऐसे देखें बिल्कुल फ्री!
  10. मुनाफा बढ़ने के बाद भी इस बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनी ने नौकरी से निकाल दिए 200 से ज्यादा कर्मचारी
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »