डिजिटल करेंसी की बढ़ती पॉपुलैरिटी के बीच दुनिया के सबसे बड़े पेमेंट प्रोसेसर Visa ने बुधवार को बैंकों और मर्चेंट्स के लिए ग्लोबल क्रिप्टो एडवाइजरी सर्विस की शुरुआत की है। इस सर्विस के तहत Visa अपने क्लाइंट्स यानी इंस्टिट्यूशंस को क्रिप्टोकरेंसी के बारे में शिक्षित करेगी। डिजिटल करेंसी से जुड़े ऑफर्स देने के लिए क्लाइंट Visa के पेमेंट प्रोसेसर नेटवर्क का इस्तेमाल कर सकेंगे। यही नहीं, बैकएंड ऑपरेशंस को मैनेज करने में भी Visa की ओर से मदद की जाएगी।
Visa ने अमेरिकी बैंक UMB को क्लाइंट के रूप में नामित किया है, जो पहले से ही उसकी क्रिप्टो एडवाइजरी सर्विस का इस्तेमाल कर रहा है।
UMB की एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट उमा विल्सन ने कहा है कि हम क्रिप्टो और स्टेबलकॉइंस के इस्तेमाल के बारे में ज्यादा जानकारी हासिल करने के लिए Visa की सर्विस से जुड़े हैं। हमारे रिटेल और कमर्शल बिजनेस के लिए यह सबसे अधिक प्रासंगिक है।
Visa द्वारा की गई एक ग्लोबल स्टडी से पता चला है कि लगभग 40 प्रतिशत क्रिप्टो ओनर्स अगले 12 महीने में अपने प्राइमरी बैंक को छोड़कर उसके साथ जा सकते हैं, जो उन्हें क्रिप्टो संबंधित प्रोडक्ट्स ऑफर करेगा।
मौजूदा वक्त में Visa अपने नेटवर्क का इस्तेमाल डिजिटल करेंसी खरीदने, बेचने और कस्टडी की इजाजत देने के लिए करता है। यह एक क्रेडिट कार्ड भी ऑफर करता है, जिससे खरीदारी करने पर यूजर्स बिटकॉइन कमाते हैं। यह USD कॉइन इस्तेमाल करने की इजाजत भी देता है।
भारत में बिटकॉइन की कीमत 8 दिसंबर को दोपहर 12:30 बजे तक 40.68 लाख रुपये पर थी।
Visa के चीफ फाइनैंशन ऑफिसर वसंत प्रभु ने रॉयटर्स को बताया कि बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी को एक्सचेंज के रूप में इस्तेमाल करने के लिए मूल्य में स्थिरता की जरूरत होती है। उन्होंने उदाहरण देते हुए समझाया कि अगर कुछ ही घंटों में कीमत 60,000 डॉलर (लगभग 45.27 लाख रुपये) से 50,000 डॉलर (करीब 37.72 लाख रुपए) के बीच कम-ज्यादा होती है, तो एक मर्चेंट के लिए (बिटकॉइन) को करेंसी के रूप में स्वीकार करना बहुत मुश्किल है।
उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी कभी एक्सचेंज का माध्यम होगी या नहीं। उन्होंने कहा कि सही समय आने पर Visa ऐसे लेनदेन की सुविधा प्रदान करेगा।