Nigeria सोमवार को डिजिटल करेंसी लॉन्च करने वाला पहला अफ्रीकी देश बन गया। इसने ईनायरा (eNaira) नामक डिजिटल करेंसी को लॉन्च किया। इसके लीडर्स ने कहा कि यह एक ऐसा स्टेप है जिसकी पहुंच बैंकिंग तक भी होगी। इसके आने से देश की इकोनॉमी करोड़ों डॉलर में विकास करेगी।
अफ्रीका का सबसे अधिक आबादी वाला देश नाइजीरिया अब बहामास के साथ शामिल हो गया, जिसने अक्टूबर में एक जनरल पर्पज़ सैंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी को लॉन्च किया। इसे Sand Dollar कहा जाता है। चीन में भी इसी तरह के ट्रायल चल रहे हैं, वहीं स्विट्जरलैंड और बैंक ऑफ फ्रांस ने यूरोप के पहले क्रॉस बॉर्डर एक्सपेरिमेंट की घोषणा की है।
मगर महाद्वीप की सबसे बड़ी इकोनॉमी के एक्सपर्ट्स और
क्रिप्टोकरेंसी यूजर्स का कहना है कि eNaira के बारे में जवाबों से ज्यादा सवाल हैं। और सेंट्रल बैंक (CBN) नियमों की स्थिरता पर उभरी बड़ी चिंता का मतलब है कि सरकार को eNira को कामयाब बनाने के लिए एक मुश्किल राह का सामना करना पड़ सकता है।
सेंट्रल बैंक के गवर्नर गॉडविन एमेफीले ने सोमवार के लॉन्च के दौरान कहा कि लोगों की ओर से इसके लिए बहुत ज्यादा रुचि और उत्साहजनक रेस्पोन्स था। इसका पता इस बात से चलता है जब 33 बैंकों, 2000 कस्टमर्स और 120 मर्चेंट्स ने पहले ही प्लैटफॉर्म पर सफलतापूर्वक स्वयं को रजिस्टर करवा लिया। प्लैटफॉर्म ऐप के माध्यम से Apple और Android पर उपलब्ध रहा।
राष्ट्रपति मुहम्मदु बुहारी ने कहा कि करेंसी का इस्तेमाल दस वर्षों में अर्थव्यवस्था को 29 बिलियन डॉलर (लगभग 2,17,850 करोड़ रुपये) तक बढ़ा सकता है, डायरेक्ट गर्वनमेंट वेलफयर पेमेंट्स को चालू कर सकता है और यहां तक कि टैक्स बेस भी बढ़ा सकता है।
नाइजीरिया की युवा, तकनीक-प्रेमी आबादी ने खुलकर डिजिटल करेंसी को अपनाया है। फरवरी में सेंट्रल बैंक द्वारा बैंकों और फाइनेंशिअल इंस्टीट्यूशन्स में क्रिप्टोकरेंसी में लेनदेन करने या उनमें लेन-देन की सुविधा को बैन करने के बावजूद क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है।
रिसर्च फर्म Chainalysis द्वारा जारी किए गए 2021 ग्लोबल क्रिप्टो एडॉप्शन इंडेक्स में नाइजीरिया सातवें स्थान पर है। ऑफिशिअल डिजिटल करेंसी, बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी के विपरीत, केंद्रीय बैंक द्वारा सपोर्टेड और कंट्रोल होती हैं।