क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग वर्तमान में बहस का मुद्दा बना हुआ है। पर्यावरण से जुड़े कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि माइनिंग में अत्याधिक एनर्जी का इस्तेमाल हमारे पर्यावरण के लिए खतरा है। इतना ही नहीं, कई देशों में इसे ब्लैकआउट का कारण बताया जा रहा है। वहीं, दूसरी ओर एक वक्ति ऐसा है, जिसने Tesla की इलेक्ट्रिक कार Model 3 के जरिए बिटकॉइन माइनिंग (Bitcoin mining using Tesla Model 3) कर पैसे कमाने की जानकारी दी है। सिराज रावल (Siraj Raval) ने अपनी 2018 टेस्ला मॉडल 3 इलेक्ट्रिक कार से Apple Mac mini M1 सिस्टम को जोड़ा और उसमें मुफ्त बिटकॉइन माइनिंग सॉफ्टवेयर इंस्टॉल कर माइनिंग की।
CNBC की
रिपोर्ट के मुताबित, रावल ने इस तरीके को इस्तेमाल कर 2021 की शुरुआत में $800 (लगभग 60,000 रुपये) की कमाई की है। रावल का दावा है कि उन्होंने कार के सेंटर कंसोल में मौजूद 12-वोल्ट (12V) पावर सॉकेट में इन्वर्टर लगाकर अपने Mac mini M1 को चलाया। जैसा कि हमने बताया, माइनिंग के लिए उन्होंने मुफ्त Bitcoin Mining सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया।
रिपोर्ट आगे बताती है कि सिराज रावल ने अपने 2018 टेस्ला मॉडल 3 इलेक्ट्रिक कार (Tesla Model 3 electric car) से क्रिप्टोकरेंसी को माइन करने के लिए हर तरह की कोशिश की। उन्होंने अपने Mac mini कंप्यूटर को सेंटर कॉन्सोल के सॉकेट से कनेक्ट किया। इसके बाद उन्होंने पांच ग्राफिक्स कार्ड (GPU) को आपस में जोड़ कर उसे कार के इंटरनल बैटरी पैक से कनेक्ट किया और GPU के इस सेट को कार के आगे के बूट में रख दिया।
अब यदि आप सोच रहे हैं कि इतनी कम राशि के लिए अपनी महंगी इलेक्ट्रिक कार की वारंटी खत्म करना समझदारी का काम नहीं है, तो कहीं न कहीं आप सही सोच रहे हैं, लेकिन रावल का कहना है कि उनका यह कदम इसके लायक था। उन्होंने कहा कि टेस्ला से माइनिंग करना आम कंप्यूटर को किसी पावर सोर्स से जोड़ने भर जितना आसान था।
वर्तमान में माइनिंग में इस्तेमाल होने वाली उर्जा को लेकर एक्सपर्ट्स काफी परेशान है। क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग में ब्लॉकचैन के एक बड़े नेटवर्क को बनाने की जरूरत पड़ती है, जो बेहद महंगा और अत्याधिक बिजली की मांग करता है। ऐसे में रावल ने बिटकॉइन और इथेरियम को केवल अपनी कार की बैटरी और मैक कंप्यूटर का इस्तेमाल कर माइन कर सभी को चौंका दिया है।