क्रिप्टोकरेंसीज से प्रॉफिट को छिपाने पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से मिल सकता है नोटिस

कुछ देशों में इस सेगमेंट को लेकर रेगुलेशंस बनाए जा रहे हैं। भारत में क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर केंद्र सरकार का रुख सख्त है

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Written by आकाश आनंद, अपडेटेड: 13 फरवरी 2025 18:18 IST
ख़ास बातें
  • वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (VDAs) की परिभाषा का दायरा बढ़ाया गया है
  • VDAs से मिलने वाले प्रॉफिट को छिपाने पर टैक्सपेयर को नोटिस मिल सकता है
  • भारत में क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर केंद्र सरकार का सख्त रवैया है

भारत में क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर केंद्र सरकार का रुख सख्त है

नए इनकम टैक्स बिल में वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (VDAs) की परिभाषा का दायरा बढ़ाया गया है। इसमें अब क्रिप्टो एसेट भी शामिल होंगे क्योंकि ये उस वैल्यू का डिजिटल प्रतिनिधित्व करते हैं तो एक क्रिप्टोग्राफिकली सिक्योर्ड डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर पर निर्भर करती है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तलाशी और जब्ती की कार्यवाही के लिए 'अघोषित इनकम' की परिभाषा का दायरा बढ़ाकर इसमें VDAs को शामिल किया गया है। 

इस वर्ष के बजट में इन बदलावों की घोषणा की गई थी। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इससे यूटिलिटी टोकन्स, सिक्योरिटी टोकन्स और  क्रिप्टो डेरिवेटिव्स जैसे इनोवेटिव डिजिटल एसेट्स को टैक्स के लिहाज से कैप्चर किया जा सकेगा। इस वर्ष के फाइनेंस बिल में ऐसे क्रिप्टो एसेट्स की रिपोर्टिंग को स्टेटमेंट ऑफ फाइनेंशियल ट्रांजैक्शंस की तरह जरूरी बनाने का प्रपोजल दिया गया है। फाइनेंस एक्ट, 2022 के तहत VDAs से मिलने वाले प्रॉफिट को छिपाने पर टैक्सपेयर को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से नोटिस मिल सकता है। 

कुछ देशों में इस सेगमेंट को लेकर रेगुलेशंस बनाए जा रहे हैं। भारत में क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर केंद्र सरकार का रुख सख्त है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की ओर से इस सेगमेंट पर बैन लगाने की भी मांग भी की गई है। हाल ही में इकोनॉमिक अफेयर्स सेक्रेटरी, Ajay Seth ने बताया था कि क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर सरकार के रुख की समीक्षा की जा रही है। उन्होंने कहा था, "कुछ देशों ने क्रिप्टोकरेंसीज के इस्तेमाल, उनकी स्वीकार्यता और महत्व के लिहाज से अपने रुख में बदलाव किया है। हम डिस्कशन पेपर की दोबारा समीक्षा कर रहे हैं।" उनका कहना था कि इस तरह के एसेट्स के लिए बॉर्डर नहीं होते और इस वजह से भारत का रुख एकपक्षीय नहीं हो सकता है। 

इस महीने की शुरुआत में अमेरिका के सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने बताया था कि क्रिप्टोकरेंसीज के लिए रेगुलेटरी फ्रेमवर्क तैयार करने के उद्देश्य से एक टास्क फोर्स बनाई गई है। भारत में अधिक टैक्स के बावजूद क्रिप्टोकरेंसीज में ट्रेडिंग बढ़ी है। देश की फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट (FIU) ने रूल्स का पालन नहीं करने की वजह से कुछ विदेशी क्रिप्टो एक्सचेंजों को कारण बताओ नोटिस दिए थे। पिछले वर्ष जून में बड़े क्रिप्टो एक्सचेंजों में शामिल Binance पर 20 लाख डॉलर से अधिक का जुर्माना लगाया गया था। इसके बाद Binance ने देश में अपने बिजनेस को दोबारा शुरू करने के लिए FIU के पास रजिस्ट्रेशन भी कराया था। 
 

ये भी पढ़ेंभारतीय एक्सचेंजों में क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें

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