डेटा की प्राइवेसी को सुरक्षित रखने के लिए नया बिल लाएगी सरकार

संसद के एक पैनल की ओर से पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल में कई संशोधनों का सुझाव देने के बाद सरकार ने पिछले महीने इस बिल को वापस ले लिया था

विज्ञापन
Written by नित्या पी नायर, Edited by आकाश आनंद, अपडेटेड: 7 सितंबर 2022 18:14 IST
ख़ास बातें
  • फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने कहा कि नए बिल से आशंकाओं का हल होगा
  • IT मिनिस्टर अश्विन वैष्णव इस बिल पर कार्य कर रहे हैं
  • पिछले कुछ वर्षों में देश में इंटरनेट के जरिए अपराध के मामले बढ़े हैं

केंद्र सरकार ने पिछले महीने विवादास्पद पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल वापस ले लिया था

देश में जल्द एक नया डेटा प्राइवेसी बिल लाया जाएगा। फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने बुधवार को बताया कि IT मिनिस्टर अश्विन वैष्णव इस बिल पर कार्य कर रहे हैं। सीतारमण का कहना था कि नए बिल से प्राइवेसी बिल को लेकर लोगों की आशंकाओं का समाधान होगा। 

केंद्र सरकार ने पिछले महीने विवादास्पद पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल वापस ले लिया था। सरकार ने कहा था कि वह एक नए कानून पर कार्य कर रही है। लगभग तीन वर्ष पहले लाए गए इस बिल में विदेश में डेटा भेजने को लेकर कड़े रेगुलेशंस का प्रस्ताव दिया गया था। इसके साथ ही कंपनियों से यूजर्स का डेटा मांगने की सरकार को शक्ति देने का भी सुझाव था। सीतारमण ने US-India Business Council की ओर से आयोजित समिट में बताया, "हम जल्द ही एक नया डेटा प्राइवेसी बिल लाएंगे। यह विचार-विमर्श के बाद तैयार किया जाएगा और इससे प्राइवेसी बिल को लेकर लोगों की आशंकाओं का समाधान होगा।" 

संसद के एक पैनल की ओर से पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल में कई संशोधनों का सुझाव देने के बाद सरकार ने पिछले महीने इस बिल को वापस ले लिया था। सरकार ने इससे पहले बताया था कि पैनल ने 99 सेक्शंस के बिल में 81 संशोधन करने का सुझाव दिया है। इस बिल से गूगल और फेसबुक जैसी बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों की चिंता बढ़ गई थी। इन कंपनियों का कहना था कि इससे उन पर कम्प्लायंस का बोझ और डेटा स्टोरेज की जरूरतें बढ़ जाएंगी। 

पिछले कुछ वर्षों में देश में इंटरनेट के जरिए अपराध के मामलों में तेजी आई है। पिछले वर्ष देश में इस तरह के मामलों की संख्या लगभग पांच प्रतिशत बढ़ी है। हालांकि, इनमें से केवल एक-तिहाई मामलों में ही चार्जशीट दाखिल की गई है। सायबरक्राइम के अधिकतर मामले फ्रॉड से जुड़े थे। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) के डेटा से पता चलता है कि पिछले वर्ष सायबरक्राइम के 52,974 मामलों की रिपोर्ट मिली थी। इनमें से 70 प्रतिशत से अधिक असम, कर्नाटक, तेलंगाना, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों से थे। हालांकि, इनमें से ककेवल 33.8 प्रतिशत मामलों में  चार्जशीट दाखिल की गई है। पिछले वर्ष सायबरक्राइम के कुल मामलों में से 60.8 प्रतिशत का कारण फ्रॉड था। वसूली और यौन उत्पीड़न के मामले क्रमशः 5.4 प्रतिशत और लगभग 8.6 प्रतिशत थे। तेलंगाना में इस तरह के मामलों की संख्या 10,303 के साथ सबसे अधिक थी। इसके बाद उत्तर प्रदेश में 8,829, कर्नाटक में 8,136 और महाराष्ट्र में 5,662 सायबरक्राइम के मामले दर्ज किए गए।  
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

नित्या पी नायर को डिज़िटल ...और भी

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. Nothing Headphone 1 Launched: Sony, JBL के प्रीमियम हेडफोन्स को भारत में टक्कर देने आया Nothing हेडफोन, जानें कीमत
#ताज़ा ख़बरें
  1. Hero Motocorp ने लॉन्च किया इलेक्ट्रिक स्कूटर Vida VX2, जानें प्राइस, रेंज
  2. Nothing Headphone 1 Launched: Sony, JBL के प्रीमियम हेडफोन्स को भारत में टक्कर देने आया Nothing हेडफोन, जानें कीमत
  3. Nothing Phone 3 Launched: लॉन्च हुआ फ्लैगशिप नथिंग फोन; जानें कीमत, स्पेसिफिकेशन्स और प्री-बुकिंग ऑफर्स
  4. Vivo T4 Lite 5G की कल से शुरू होगी बिक्री, जानें प्राइस, ऑफर्स
  5. टेक्नोलॉजी की दुनिया से आपके लिए आज की 5 महत्वपूर्ण खबरें
  6. Moto G96 5G जल्द होगा भारत में लॉन्च, 50 मेगापिक्सल Sony Lytia कैमरा
  7. Redmi Turbo 5 Pro में मिल सकती है 8,000mAh की पावरफुल बैटरी
  8. दुबई में एरियल टैक्सी की हुई सफल टेस्ट फ्लाइट, 160 किलोमीटर की रेंज
  9. Google जल्द लॉन्च करेगी Pixel 10 सीरीज, मिल सकती है ज्यादा कैपेसिटी वाली बैटरी
  10. IRCTC RailOne सुपर ऐप डाउनलोड के लिए उपलब्ध, अब सारी रेलवे सर्विस एक जगह पर
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.