क्रिप्टो सेगमेंट के लिए अगले वर्ष बन सकता है ग्लोबल रेगुलेटर

मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन का प्राइस इस सप्ताह लगभग 20 प्रतिशत टूटा है

क्रिप्टो सेगमेंट के लिए अगले वर्ष बन सकता है ग्लोबल रेगुलेटर

रेगुलेटर्स क्रिप्टोकरेंसीज में वोलैटिलिटी से चिंतित हैं

ख़ास बातें
  • पिछले कुछ दिनों में क्रिप्टो मार्केट में भारी बिकवाली हुई है
  • बिटकॉइन और इथर जैसी बड़ी क्रिप्टोकरेंसीज के प्राइस काफी गिरे हैं
  • क्रिप्टो मार्केट में गिरावट से इनवेस्टर्स को बड़ा नुकसान हुआ है
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क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े रूल्स को बेहतर बनाने के लिए ग्लोबल मार्केट रेगुलेटर्स अगले वर्ष एक संयुक्त संस्था शुरू कर सकते हैं। पिछले कुछ दिनों में क्रिप्टो मार्केट में भारी बिकवाली हुई है। मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन का प्राइस इस सप्ताह लगभग 20 प्रतिशत टूटा है। 

Reuters की रिपोर्ट में इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ सिक्योरिटीज कमीशन (IOSCO) के प्रमुख Ashley Alder के हवाले से कहा गया है कि बिटकॉइन जैसी डिजिटल करेंसीज में आई तेजी कोरोना और क्लाइमेट चेंज जैसे एरिया के साथ अथॉरिटीज के फोकस वाले प्रमुख एरिया में शामिल है। उनका कहना था, "अगर आप रिस्क को देखें तो वह बहुत अधिक है और इसे लेकर इंस्टीट्यूशनल स्तर पर बातचीत करने की जरूरत है।" उन्होंने क्रिप्टो सेगमेंट के प्रमुख रिस्क में सायबर सिक्योरिटी और ट्रांसपैरेंसी की कमी को बताया। रेगुलेटर्स ने पहले भी क्रिप्टोकरेंसीज में वोलैटिलिटी अधिक होने पर चिंता जताई है। 

हांगकांग के सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन के प्रमुख की जिम्मेदारी भी संभालने वाले Alder ने कहा कि क्रिप्टो मार्केट के लिए कोई ग्लोबल रेगुलेटर नहीं है। इस बारे में अगले वर्ष तक कोई फैसला किया जा सकता है। स्टेबलकॉइन TerraUSD के प्राइस में बहुत अधिक गिरावट आने के बाद अमेरिका में सीनेट बैंकिंग कमेटी के अध्यक्ष ने अमेरिकी सांसदों से क्रिप्टो रेगुलेशंस को कड़ा बनाने का निवेदन किया है। स्टेबलकॉइन्स ऐसी क्रिप्टोकरेंसीज होते हैं जो अपने मार्केट प्राइस को गोल्ड या सामान्य करेंसीज जैसे किसी रिजर्व एसेट से जोड़ने की कोशिश करते हैं। ये ऐसी डिजिटल ट्रांजैक्शंस के लिए अधिक इस्तेमाल होते हैं जिनमें वर्चुअल एसेट्स को वास्तविक एसेट्स में कन्वर्ट किया जाता है।

USD Coin, Tether और Binance USD कुछ लोकप्रिय स्टेबलकॉइन्स हैं, जो अमेरिकी डॉलर से जुड़े हैं। क्रिप्टो का तेजी से बढ़ता वर्जन स्टेबलकॉइन एक्सचेंज के प्रमुख माध्यम के तौर पर उभरा है। इसका इस्तेमाल अक्सर ट्रेडर्स की ओर से फंड भेजने के लिए होता है। प्रमुख स्टेबलकॉइन्स को बिटकॉइन या अन्य क्रिप्टोकरेंसीज के लिए एक्सचेंज करना आसान है। अन्य स्टेबलकॉइन्स का सामान्य एसेट्स में रिजर्व होता है लेकिन TerraUSD इसे एक एल्गोरिद्म के जरिए बरकरार रखता है, जो एक अन्य बैलेंसिंग टोकन Luna के इस्तेमाल से सप्लाई और डिमांड को नियंत्रित रखती है। एल्गोरिद्मिक स्टेबलकॉइन कहे जाने वाले TerraUSD ने मंगलवार को डॉलर के साथ अपने 1:1 के जुड़ाव को तोड़ दिया था। 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

भारतीय एक्सचेंजों में क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें

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ये भी पढ़े: Regulator, Crypto, Bitcoin, Rules, Market, Volatility, Risk, Terra, Stablecoin, America, Senate
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