यूएस फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (एफबीआई) ने अमेरिका में बढ़ रहे क्रिप्टो स्कैम्स के खिलाफ चेतावनी जारी की है। हाल ही में जारी पब्लिक सर्विस अनाउंसमेंट (पीएसए) में एफबीआई ने कहा है कि स्कैमर्स, दुर्भावनापूर्ण (मलिशस) लेनदेन को पूरा करने के लिए निर्दोष लोगों से फिजिकल क्रिप्टोकरेंसी एटीएम और डिजिटल क्यूआर कोड का उपयोग करा रहे हैं।
अमेरिका, क्रिप्टो स्पेस को रेग्युलेट करने पर काम कर रहा है, इसके बावजूद बिटकॉइन एटीएम, अमेरिका के साथ-साथ बाकी देशों के पब्लिक प्लेस में बढ़ रहे हैं। एफबीआई ने लोगों को अज्ञात कॉलर्स की क्रिप्टो-पेमेंट रिक्वेस्ट पर विचार नहीं करने की सलाह दी है। यह भी कहा है कि लोग ऐसे कॉलर्स को अपनी पर्सनल इन्फर्मेशन शेयर नहीं करें।
एफबीआई ने अपनी
चेतावनी में बताया है कि स्कैम करने वाले अक्सर पीड़ित से पेमेंट की रिक्वेस्ट करते हैं और विक्टिम के फाइनैंशल अकाउंट्स जैसे- इन्वेस्टमेंट या रिटायरमेंट अकाउंट्स से पैसे निकालने को कह सकते हैं। लेन-देन के दौरान स्कैमर अपने क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट से जुड़ा एक क्यूआर कोड देते हैं। इसके बाद विक्टिम को निशाना बनाया जाता है।
क्रिप्टो ओनर्स को ऐसी एटीएम मशीनों का इस्तेमाल करने से बचने की सलाह दी गई है, जो केवल फोन नंबर और ईमेल आईडी के आधार पर लेनदेन की अनुमति देते हैं। एफबीआई ने कहा है कि ये क्रिप्टोकरेंसी एटीएम अमेरिकी फेडरल रेग्युलेशन का अनुपालन नहीं कर सकते हैं और मनी लॉन्ड्रिंग की सुविधा प्रदान कर सकते हैं। ऐसे कैरेक्टर वाले क्रिप्टोकरेंसी एटीएम का उपयोग धोखाधड़ी की वजह बन सकता है।
बिटकॉइन एटीएम, अमेरिका के साथ-साथ अन्य देशों में लगातार अपनाए जा रहे हैं। अक्टूबर में, वॉलमार्ट ने विजिटर्स को क्रिप्टो सिक्का खरीदने की इजाजत देने के लिए अमेरिका के चुनिंदा स्टोर्स में 200 बिटकॉइन एटीएम इंस्टॉल करने की घोषणा की थी। अल सल्वाडोर में भी बिटकॉइन एटीएम लोगों को क्रिप्टो टोकन में लेन-देन करने या इसे मुद्रा में बदलने की अनुमति देते हैं।
एफबीआई के अनुसार, स्कैमर्स अपनी असल पहचान छुपाने के लिए सभी तरह के कम्युनिकेशन ऑनलाइन रखने की कोशिश करते हैं। एफबीआई ने लोगों को यह भी सलाह दी है कि वे अजनबियों को कोई फंड न दें, भले ही वो खुद को सरकारी अधिकारी या सांसद क्यों ना बताएं।
क्रिप्टोकरेंसी अभी डिसेंट्रलाइज्ड हैं, इसलिए लॉक होने पर रकम को फिर से हासिल करना मुश्किल है। स्कैमर्स को उनका क्रिप्टो भुगतान तुरंत मिल जाता है, जिसके बाद वे फौरन अपने अन्य खातों में पैसा जमा कर देते हैं। इस स्थिति में पीड़ित के पास आर्थिक नुकसान के अलावा कुछ नहीं बचता है।
अप्रैल में सामने आई एक
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2020 में लगभग $10.52 बिलियन (लगभग 79,194 करोड़ रुपये) के क्रिप्टो क्राइम हुए थे। रिपोर्ट में बताया गया है कि क्रिप्टोकरेंसी स्पेस को नुकसान पहुंचाने में घोटाले और धोखाधड़ी एक बड़ी समस्या बनकर उभरे हैं, जो 2020 में कुल क्रिप्टोकरेंसी क्राइम का 67.8% है।