Ethereum के को-फाउंडर विटालिक ब्यूटिरिन (Vitalik Buterin) को शीबा इनु (Shiba Inu) कॉइंस का एक हिस्सा वापस मिल रहा है। इसे उन्होंने साल 2021 में एक इंडियन COVID-19 रिलीफ फंड में दान किया था। इसका नाम इंडिया क्रिप्टो रिलीफ फंड है, जिसे क्रिप्टोरिलीफ भी कहा जाता है। हाल ही में Buterin ने ट्विटर पर बताया कि CryptoRelief ‘Shiba Fund' से क्रिप्टोकरेंसी में 100 मिलियन डॉलर (लगभग 745 करोड़ रुपये) भेज रहा है। Buterin ने कहा कि वह ‘इन फंडों को व्यक्तिगत रूप से' कुछ ‘हाई-रिस्क, हाई-रिवॉर्ड COVID साइंस और दुनिया भर के रिलीफ प्रोजेक्ट' में डिप्लॉय करने की योजना बना रहे हैं। Buterin ने बलवी (Balvi) नाम के एक नए ऑर्गनाइजेशन की भी स्थापना की है, जो उनकी ओर से फंड को डिप्लॉय करने की प्रक्रिया की देखरेख करेगा।
Buterin के
अनुसार, Balvi मुख्य रूप से वैक्सीन रिसर्च और डेवलपमेंट के क्षेत्र में ‘SHIB फंड' को डिप्लॉय करने, नए एयर फिल्टरेशन प्रोजेक्ट्स की फंडिंग और अन्य चीजों पर फोकस करेगा।
इस बीच पॉलीगॉन (Polygon) के को-फाउंडर और क्रिप्टो रिलीफ के फाउंडर संदीप नैलवाल ने Buterin के बयान को कन्फर्म करते हुए कहा है कि वो USDC में फंड रिलीज करेंगे। USDC एक स्टेबल कॉइन है, जिसे अमेरिकी डॉलर के लिए आंका गया है। संदीप के अनुसार, कुछ फंड Buterin को लौटाने का फैसला रिलीफ फंड के डिस्ट्रीब्यूशन पर भारतीय कानूनों के साथ संघर्ष से बचने की वजह से लिया गया।
उन्होंने कहा कि फंड के विदेश से आने और भारत के कानूनों को ध्यान में रखते हुए क्रिप्टो रिलीफ ने एक व्यवस्थित, नियंत्रित और मजबूत दृष्टिकोण का पालन किया। लेकिन दान किए जा रहे किसी भी प्रोजेक्ट में मुझे एक भारतीय नागरिक (NRI) होने के नाते अतिरिक्त सतर्क रहना होगा।
साल 2020 में एक क्वाड्रिलियन SHIB टोकन बनाने के बाद मीमकॉइन के को-फाउंडर रयोशी ने 'WOOF पेपर' में बताया था वो क्रिप्टो इकोसिस्टम में Buterin के योगदान के लिए कुल सिक्कों का 50 प्रतिशत उन्हें भेजेंगे।
इसके बाद Buterin ने COVID के खिलाफ जंग में इंडिया क्रिप्टो रिलीफ फंड में 50 ट्रिलियन SHIB डोनेट किए थे। उन्होंने अपनी बाकी होल्डिंग्स (410 ट्रिलियन SHIB) जिसकी वैल्यू 6.7 बिलियन डॉलर थी, उसका 90 फीसदी जला दिया था। बहरहाल, दुनियाभर में क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल बढ़ रहा है। इसके साथ ही तमाम देश इसे रेगुलेट करने के बारे में भी सोच रहे हैं।