क्रिप्टो को लेकर RBI की वॉर्निंग, वित्तीय स्थिरता के लिए हो सकता है बड़ा खतरा

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने कहा है कि स्टेबलकॉइन्स का इस्तेमाल बढ़ने से देश की वित्तीय स्थिरता को बड़ा जोखिम हो सकता है

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Written by आकाश आनंद, अपडेटेड: 31 दिसंबर 2025 23:33 IST
ख़ास बातें
  • देश में क्रिप्टो का सेगमेंट रेगुलेटेड नहीं है
  • केंद्र सरकार ने इस सेगमेंट में ट्रांजैक्शंस पर टैक्स लगाया है
  • क्रिप्टो के इकोसिस्टम में स्टेबलकॉइन्स एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन रहे हैं

इससे पहले RBI ने क्रिप्टोकरेंसीज पर बैन लगाने की मांग की थी

भारत में क्रिप्टोकरेंसीज का सेगमेंट तेजी से बढ़ रहा है। हालांकि, क्रिप्टो को लेकर रेगुलेटर्स की ओर से आशंकाएं भी जताई जा रही हैं। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने बुधवार को कहा कि स्टेबलकॉइन्स का इस्तेमाल बढ़ने से देश की वित्तीय स्थिरता को बड़ा जोखिम हो सकता है। देश में क्रिप्टो का सेगमेंट रेगुलेटेड नहीं है। हालांकि, केंद्र सरकार ने इस सेगमेंट में ट्रांजैक्शंस पर टैक्स लगाया है। 

RBI ने अपनी फाइनेंशियल स्टेबिलिटी रिपोर्ट में कहा कि स्टेबलकॉइन्स से जुड़ी कुछ कमजोरियों की वजह से वित्तीय स्थिरता के लिए बड़ा खतरा हो सकता है। क्रिप्टो के इकोसिस्टम में स्टेबलकॉइन्स एक महत्वपूर्ण हिस्से के तौर पर उभरे हैं। RBI ने कहा कि विदेशी करेंसी में डिनॉमिनेशन वाले स्टेबलकॉइन्स का इस्तेमाल बढ़ने से वित्तीय नियंत्रण कमजोर हो सकता है। धन के विकल्प के तौर पर स्टेबलकॉइन्स को पेश करने से पहले यह जानना महत्वपूर्ण है कि ये एक मजबूत वित्तीय व्यवस्था की आधारभूत जरूरतों को पूरा नहीं करते। 

सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) से विश्वसनीयता और सुरक्षा के साथ एफिशिएंसी और तुरंत सेटलमेंट जैसे फायदे मिल सकते हैं जिनकी पेशकश स्टेबलकॉइन्स करते हैं। इस वजह से RBI का मानना है कि विदेश में भी प्राइवेट तौर पर जारी स्टेबलकॉइन्स के बजाय CBDC को प्रायरिटी दी जानी चाहिए। इससे धन में विश्वास को बरकरार रखने के साथ ही वित्तीय स्थिरता को भी सुरक्षित किया जा सकेगा। 

इस महीने की शुरुआत में RBI के डिप्टी गवर्नर, T Rabi Sankar ने कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी वास्तव में एक करेंसी नहीं है क्योंकि इसमें इससे जुड़े फीचर्स नहीं हैं। Rabi Sankar ने बताया था कि क्रिप्टोकरेंसी सिर्फ कोड का एक पीस है। यह एक फाइनेंशियल एसेट या किसी प्रकार का एसेट नहीं है। उन्होंने कहा था कि कि मनी के मापदंड के तौर पर क्रिप्टो टोकन्स की कोई पात्रता नहीं है। उनका कहना था, "क्रिप्टोकरेंसीज से कोई वैल्यू नहीं जुड़ी है। इनके साथ भुगतान का कोई वादा नहीं होता और इन्हें कोई इश्यू नहीं करता। इनकी वैल्यू पूरी तरह से काल्पनिक है।" क्रिप्टोकरेंसीज डीसेंट्रलाइज्ड ब्लॉकचेन नेटवर्क पर चलने वाली डिजिटल या वर्चुअल करेंसी होती हैं। देश में क्रिप्टोकरेंसीज पर बैन नहीं लगाया गया है लेकिन ज्यादा टैक्स लगाकर इनके इस्तेमाल को सीमित करने की कोशिश हो रही है। 

ये भी पढ़ेंभारतीय एक्सचेंजों में क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें

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