मार्केट वैल्यू के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin में गुरुवार को 1.24 प्रतिशत की गिरावट थी। इसका प्राइस 51,392 डॉलर पर था। पिछले एक दिन में बिटकॉइन का प्राइस 600 डॉलर से अधिक गिरा है। इसके लिए अगला रेजिस्टेंस 53,000 डॉलर पर है। हालांकि, इस लेवल को पार करने में नाकाम रहने पर यह 48,000 डॉलर पर गिर सकता है।
दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी
Ether में लगभग 1.82 प्रतिशत की गिरावट थी। इसका प्राइस 2,841 डॉलर पर था। इसके अलावा Cardano, Ripple, Tron, Litecoin, Cardano और Polygon के प्राइस में गिरावट थी। पिछले एक दिन में क्रिप्टो का मार्केट कैपिटलाइजेशन 1.42 प्रतिशत घटकर लगभग 1.95 लाख करोड़ डॉलर पर था।
क्रिप्टो एक्सचेंज WazirX के वाइस प्रेसिडेंट, Rajagopal Menon ने बताया, "क्रिप्टो मार्केट में गिरावट का बड़ा कारण बिटकॉइन से जुड़े मार्केट इंडिकेटर्स से गिरावट का संकेत मिलना है। इससे क्रिप्टो मार्केट में बिटकॉइन के दबदबे का पता चलता है। Solana, Ether और Ripple जैसे ऑल्टकॉइन्स में भी कुछ दिनों की तेजी के बाद नुकसान है।" क्रिप्टो को कुछ बड़े देशों के नेताओं के साथ ही इनवेस्टर्स से भी बढ़ावा मिल रहा है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और क्रिप्टोकरेंसी जैसी उभरती हुई टेक्नोलॉजीज से निपटने के लिए वैश्विक सहयोग की जरूरत बताई थी। पिछले महीने अमेरिका में सिक्योरिटीज रेगुलेटर SEC की ओर से बिटकॉइन एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) को स्वीकृति दी गई थी।
देश में
क्रिप्टो सेगमेंट पर टैक्स अधिक होने से ग्रोथ पर असर पड़ रहा है। इस महीने की शुरुआत में पेश हुए बजट से पहले क्रिप्टो इंडस्ट्री ने केंद्र सरकार से इस सेगमेंट पर टैक्स घटाने के निवेदन किए थे। हालांकि, इंटरिम बजट में फाइनेंस मिनिस्टर Nirmala Sitharaman ने इस सेगमेंट का कोई जिक्र नहीं किया था। इससे इस इंडस्ट्री से जुड़े स्टेकहोल्डर्स निराश हुए थे। केंद्र सरकार ने लगभग डेढ़ वर्ष पहले प्रत्येक क्रिप्टो ट्रांजैक्शन पर एक प्रतिशत का TDS लगाया था। इसके साथ ही क्रिप्टो से मिलने वाले प्रॉफिट पर 30 प्रतिशत टैक्स लागू किया गया था। इससे क्रिप्टो की ट्रेडिंग एक्टिविटीज में कमी हुई है। कुछ देशों में रेगुलेटर्स ने इस सेगमेंट को लेकर चेतावनी दी है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने भी क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर इमर्जिंग मार्केट्स को खतरे की चेतावनी को दोहराया था।