मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin में शुक्रवार को लगभग 0.77 प्रतिशत की गिरावट थी। इंटरनेशनल एक्सचेंजों पर बिटकॉइन का प्राइस घटकर 57,854 डॉलर और CoinSwitch जैसे भारतीय एक्सचेंजों पर लगभग 60,708 डॉलर का था। अमेरिका में प्रोड्यूसर प्राइस इंडेक्स (PPI) और बेरोजगारी की दर अनुमान से अधिक रहने से भी क्रिप्टो मार्केट में वोलैटिलिटी बढ़ी है।
Ether में लगभग 0.70 प्रतिशत का नुकसान था। इंटरनेशनल एक्सचेंजों पर
Ether का प्राइस लगभग 2,350 डॉलर और भारतीय एक्सचेंजों पर 2,484 डॉलर का था। Gadgets360 के क्रिप्टो प्राइस ट्रैकर के अनुसार, USD Coin, Tron, Solana, Bitcoin SV, Elrond और Stellar के प्राइस भी घटे हैं। पिछले एक दिन में क्रिप्टो का मार्केट कैपिटलाइजेशन लगभग 0.49 प्रतिशत कम होकर लगभग 2.04 लाख करोड़ डॉलर पर था।
क्रिप्टो एक्सचेंज BuyUcoin के CEO, Shivam Thakral ने Gadgets360 को बताया, "ट्रेडर्स अधिक रिस्क लेने को तैयार हैं, जिससे वोलैटिलिटी में बढ़ोतरी का संकेत मिल रहा है। इंस्टीट्यूशनल डिमांड बढ़ने के कारण मार्केट का रुख पॉजिटिव है।" अमेरिका में अगले सप्ताह फेडरल रिजर्व की मीटिंग होनी है और इसमें इंटरेस्ट रेट में 0.25 प्रतिशत की कटौती की घोषणा हो सकती है।
देश में अधिक टैक्स होने के बावजूद इनवेस्टर्स की क्रिप्टोकरेंसीज में दिलचस्पी बढ़ रही है। यह लगातार दूसरा वर्ष है कि जिसमें क्रिप्टोकरेंसीज में इनवेस्टमेंट को लेकर दुनिया में भारत की हाई रैकिंग है। हालांकि, पिछले कुछ महीनों में रेगुलेटर्स की ओर से इस सेगमेंट की कुछ फर्मों के खिलाफ कड़े कदम भी उठाए हैं। ब्लॉकचेन एनालिटिक्स फर्म Chainalysis ने एक रिपोर्ट में बताया है कि पिछले वर्ष जून से इस वर्ष जुलाई के बीच सेंट्रलाइज्ड एक्सचेंज और डीसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस एसेट्स का देश में इस्तेमाल बढ़ा है। देश में 2018 से
क्रिप्टो सेगमेंट के खिलाफ केंद्र सरकार ने कड़ा रुख रखा है। पिछले वर्ष के अंत में नियमों का पालन नहीं करने की वजह से नौ ऑफशोर क्रिप्टो एक्सचेंजों को फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट (FIU) की ओर से कारण बताओ नोटिस जारी किए थे। हाल ही में बड़े क्रिप्टो एक्सचेंजों में शामिल Binance को देश में 772 करोड़ रुपये के GST का भुगतान करने का नोटिस मिला था। इसके बाद Binance ने देश के कानूनों का पालन करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया था।