मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin में बुधवार को लगभग 4.22 प्रतिशत का नुकसान था। इसका प्राइस CoinSwitch जैसे भारतीय एक्सचेंजों पर लगभग 63,385 डॉलर और इंटरनेशनल एक्सचेंजों पर लगभग 59,612 डॉलर का था। पिछले कुछ सप्ताह में पहली बार बिटकॉइन का प्राइस 60,000 डॉलर से कम हुआ है।
Ether में लगभग एक प्रतिशत की गिरावट थी। Gadgets360 के क्रिप्टो प्राइस ट्रैकर के अनुसार,
Ether का प्राइस लगभग 2,394 डॉलर पर था। Cardano, USD Coin, Chainlink, Polygon, Litecoin और Ripple के प्राइस भी घटे हैं। पिछले एक दिन में क्रिप्टो सेगमेंट का मार्केट कैपिटलाइजेशन लगभग 5.27 प्रतिशत कम होकर लगभग 2.09 लाख करोड़ डॉलर पर था।
क्रिप्टो एक्सचेंज Mudrex के CEO, Edul Patel ने Gadgets360 को बताया, "Nvidia, CrowdStrike, Salesforce और HP के बुधवार को तिमाही नतीजे जारी होंगे। इन पर मार्केट की नजर रहेगी। इनसे मार्केट के सेंटीमेंट और बिटकॉइन के प्राइस पर असर पड़ सकता है। अगले कुछ दिनों में वोलैटिलिटी बढ़ सकती है क्योंकि कई टेक कंपनियों के तिमाही नतीजे जारी किए जाएंगे।" एक अन्य क्रिप्टो एक्सचेंज BuyUcoin के CEO, Shivam Thakral ने कहा, "इनवेस्टर्स के बीच अनिश्चितता और मार्केट पर प्रेशर की वजह से 30 करोड़ डॉलर से अधिक के लिक्विडेशंस हुए हैं और यह क्रिप्टो मार्केट में गिरावट का मुख्य कारण है।"
मौजूदा वर्ष की पहली छमाही में इंटरनेशनल क्रिप्टोकरेंसी मार्केट का कैपिटलाइजेशन लगभग 44 प्रतिशत बढ़कर 720 अरब डॉलर पर पहुंचा है। इस वर्ष की शुरुआत में
बिटकॉइन ETFs के लॉन्च से इस सेगमेंट की ग्रोथ तेजी से बढ़ी है। क्रिप्टो एक्सचेंज Binance की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस वर्ष जनवरी से जून के बीच बिटकॉइन ने ग्रोथ दर्ज की है। इसके पीछे बिटकॉइन ETF की शुरुआत होना और इसके नेटवर्क की चौथी हाविंग प्रमुख कारण हैं। दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Ether की वैल्यू भी तेजी से बढ़ी है। अमेरिका में बिटकॉइन ETFs में लगभग 17 अरब डॉलर का इनवेस्टमेंट किया गया है। इन ETFs में प्रति दिन की औसत ट्रेडिंग लगभग 2.3 अरब डॉलर की है। इस वर्ष बिटकॉइन ने लगभग तीन वर्षों के बाद अपना नया हाई लेवल बनाया था। इसका प्राइस मार्च में 73,737 डॉलर से अधिक पर पहुंचा था। हालांकि, इसके बाद से बिटकॉइन में काफी गिरावट हुई है।