पिछले कुछ दिनों के प्रेशर के बाद क्रिप्टो मार्केट में मंगलवार को तेजी के साथ शुरुआत हुई। मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin के प्राइस में लगभग 6.6 प्रतिशत से अधिक बढ़ोतरी रही। Binance और CoinMarketCap जैसे इंटरनेशनल एक्सचेंजों पर यह लगभग 20,144 डॉलर पर ट्रेड कर रहा था।
दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी
Ether का प्राइस 6.14 प्रतिशत बढ़ा है। Gadgets 360 के क्रिप्टो प्राइस ट्रैकर के अनुसार, यह लगभग 1,385 डॉलर पर था। Ethereum
ब्लॉकचेन के एनर्जी एफिशिएंट 'Merge' अपग्रेड को 15 सितंबर को शुरू किया गया था। इससे ट्रांजैक्शंस में तेजी आने और एनर्जी की खपत बहुत कम होने की संभावना है। इस अपग्रेड में Ethereum के डिवेलपर्स इसके माइनिंग प्रोटोकॉल की प्रूफ-ऑफ-वर्क (PoW) सिस्टम से प्रूफ-ऑफ-स्टेक (PoS) पर दोबारा कोडिंग कर रहे हैं। इससे Ethereum की एनर्जी की खपत बहुत कम होने की संभावना है। इस ब्लॉकचेन पर 100 अरब डॉलर से अधिक के डीसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस (DeFi) ऐप्स को सपोर्ट मिलता है और इस वजह से अपग्रेड को लेकर सतर्कता बरती गई है। अपग्रेड से stETH कहे जाने वाले क्रिप्टो डेरिवेटिव टोकन के इनवेस्टर्स को भी राहत मिल सकती है।
इन दो बड़ी क्रिप्टोकरेंसीज के अलावा Binance Coin, Cardano, Solana, Avalanche, Polygon और Tron के प्राइस में रिकवरी हुई। मीम कॉइन्स Dogecoin और Shiba Inu में भी बढ़त रही। हालांकि, Tether, Ripple, Binance USD और Litecoin के प्राइस में गिरावट आई।
क्रिप्टो फर्म Mudrex ने Gadgets 360 को बताया, "पिछले सप्ताह कुछ मैको इकोनॉमिक कारणों के कारण क्रिप्टो मार्केट में गिरावट आई थी। इस मार्केट से जुड़े लोग इन्फ्लेशन बढ़ने और मंदी से चिंतित हैं। अगर बिटकॉइन इस सप्ताह 19,600 डॉलर से अधिक रहता है तो मार्केट में तेजी आ सकती है।" CoinMarketCap के अनुसार, क्रिप्टो का ग्लोबल मार्केट कैपिटलाइजेशन लगभग 4.60 प्रतिशत बढ़कर 967 अरब डॉलर से अधिक का है। पिछले वर्ष नवंबर में बिटकॉइन ने 67,000 डॉलर से अधिक का हाई बनाया था। इसके बाद से इसमें काफी गिरावट आई है। इसका प्राइस गिरने से इनवेस्टर्स के साथ ही इस सेगमेंट से जुड़ी फर्मों को भी बड़ा नुकसान हुआ है। बहुत से देशों में रेगुलेटर्स ने भी क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर इनवेस्टर्स को चेतावनी दी है। इससे भी मार्केट पर प्रेशर बढ़ा है।