पिछले कुछ महीनों से क्रिप्टो मार्केट में बिकवाली के कारण इनवेस्टर्स और इस सेगमेंट से जुड़ी फर्मों को बड़ा नुकसान हुआ है। वित्तीय मुश्किलों का सामना कर रही क्रिप्टो लेडिंग फर्म Hodlnaut ने अपने खर्च को कम करने के लिए लगभग 40 एंप्लॉयीज की छंटनी की है। इस फर्म के खिलाफ सिंगापुर की अथॉरिटीज भी कार्रवाई कर रही हैं।
इस बारे में Hodlnaut ने एक
ब्लॉग पोस्ट में कहा कि वह अपनी लिक्विडिटी की स्थिति को बेहतर करने, कॉस्ट घटाने और सिंगापुर में बरकरार रहने के लिए काम कर रही है। फर्म ने अपने स्टाफ में से लगभग 80 प्रतिशत की छंटनी की है। Hodlnaut ने बताया, "फर्म और सिंगापुर के अटॉर्नी जनरल और पुलिस के बीच कार्रवाई लंबित है।" फर्म ने अदालत के तहत प्रबंधन के लिए आवेदन किया है। इसकी अनुमति मिलने पर फर्म से जुड़े सभी फैसले लेने की शक्ति अदालत की ओर से नियुक्त किए जाने वाले मैनेजर के पास होगी। इससे Hodlnaut को Bitcoin और Ether में अपनी होल्डिंग्स को मौजूदा प्राइसेज पर बेचने से बचने में भी मदद मिलेगी। इन क्रिप्टोकरेंसीज के प्राइसेज पिछले वर्ष के हाई से काफी नीचे हैं।
फर्म ने कहा कि वह यूजर्स की फंड को जल्द हासिल करने की जरूरत को समझती है। इसके लिए वह यूजर्स को उनके शुरुआती डिपॉजिट और जमा इंटरेस्ट को एक डिस्काउंट वाली रकम पर विड्रॉ करने की अनुमति देने की योजना बना रही है। हालांकि, इसके लिए यूजर्स को इंतजार करना होगा क्योंकि फर्म ने अदालत के तहत प्रबंधन के लिए आवेदन किया है। एक अन्य क्रिप्टो लेंडिंग फर्म Celsius Network ने भी हाल ही में कस्टमर्स की ट्रांजैक्शंस पर
रोक लगाई थी। इस फर्म के क्लाइंट्स की ट्रांजैक्शंस पर रोक लगाने के फैसले की रेगुलेटर्स की ओर से जांच की जा रही है। Celsius ने कहा था कि क्रिप्टो मार्केट की खराब स्थिति के कारण वह एकाउंट्स के बीच विड्रॉल और ट्रांसफर पर रोक लगा रही है।
इस बारे में अमेरिका के सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने भी फर्म से जानकारी मांगी थी। अल्बामा सिक्योरिटीज कमीशन के डायरेक्टर Joseph Borg का कहना था, "मैं इससे चितित हूं कि रिटेल इनवेस्टर्स सहित फर्म के क्लाइंट्स को उनके एसेट्स को रिडीम करने की जरूरत हो सकती है लेकिन वे ऐसा कर सकते। इससे उनकी वित्तीय मुश्किलें बढ़ सकती हैं।" इस सेगमेंट की बहुत सी फर्में कॉस्ट घटाने के लिए अपनी वर्कफोर्स में कटौती कर रही हैं। बड़े क्रिप्टो एक्सचेंजों में से एक Coinbase ने भी अपनी वर्कफोर्स को 18 प्रतिशत घटाने का फैसला किया था। एक्सचेंज का कहना था कि इंडस्ट्री के इस मुश्किल दौर में उसने कॉस्ट में कमी करने के लिए यह कदम उठाया है।
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