ब्लॉकचेन को मार्केट में आगे बढ़ने के लिए MP3 जैसी कोशिश की जरूरत

फाइनेंशियल मार्केट्स में इसी तरह के डिवेलपमेंट से किसी इंस्ट्रूमेंट को कई दिनों के बजाय कुछ घंटों में जारी किया जा सकेगा

ब्लॉकचेन को मार्केट में आगे बढ़ने के लिए MP3 जैसी कोशिश की जरूरत

रेगुलेटर्स को भी नई टेक्नोलॉजी के साथ ढलने के लिए समय की जरूरत होगी

ख़ास बातें
  • इससे बैंकों की दबदबे वाली स्थिति को चुनौती मिलेगी
  • बैंकों की ओर से पुरानी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल की जा रही है
  • ब्लॉकचेन के साथ कॉस्ट भी शामिल है
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म्यूजिक इंडस्ट्री में 'MP3' से बड़ा बदलाव आया था और ब्लॉकचेन इंडस्ट्री को भी इसी तरह के किसी महत्वपूर्ण डिवेलपमेंट की जरूरत है। रेगुलेशन स्पष्ट न होने और टेक्नोलॉजी की कमियों के कारण इस इंडस्ट्री की ग्रोथ पर असर पड़ रहा है। ब्लॉकचेन या डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी (DLT) बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसीज से जुड़ा एक डिजिटल लेजर होती है। इससे डेटा को एक साथ कई लोगों को एक्सेस करने की सुविधा मिलती है। 

Deutsche Boerse में डिजिटल मार्केट्स के हेड Gerd Hartung ने बताया कि ब्लॉकचेन का इस्तेमाल स्टॉक्स और बॉन्ड्स जैसी सिक्योरिटीज की ट्रेडिंग और सेटलमेंट के लिए करने में सिक्योरिटीज के एक समान डिजिटल फॉर्मेट की जरूरत होगी। उन्होंने कहा, "प्रश्न यह है कि हम MP3 जैसे डिजिटल फॉर्मेट तक कैसे पहुंचेंगे, जिसे आप म्यूजिक इंडस्ट्री में देखते हैं। अगला लेवल फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट के डिजिटाइजेशन का होगा।" डिजिटल MP3 फाइल फॉर्मेट की ऑडिया क्वालिटी शुरुआत में खराब थी और इसमें  MP3 म्यूजिक प्लेयर्स और स्ट्रीमिंग सिस्टम्स के आने से सुधार हुआ था। इससे म्यूजिक इंडस्ट्री में बहुत से बिचोलियों की जरूरत समाप्त हो गई और आर्टिस्ट्स को ज्यादा मौके मिलने लगे।

फाइनेंशियल मार्केट्स में इसी तरह के डिवेलपमेंट से किसी इंस्ट्रूमेंट को कई दिनों के बजाय कुछ घंटों में जारी किया जा सकेगा। इससे विशेष मार्केट्स पर ध्यान देने में मदद मिलेगी और अधिक इनवेस्टर्स तक तेजी से पहुंचा जा सकेगा। इससे डेटा की गल्तियों से भी छुटकारा मिल सकेगा। हालांकि, इससे सिस्टम में बैंकों की दबदबे वाली स्थिति को चुनौती मिलेगी। 

एक्सपर्ट्स का कहना है कि डिजिटल एसेट्स की रेगुलेटरी परिभाषा को स्पष्ट करने की जरूरत है। बैंकों की ओर से पुरानी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है जिसे DLT के साथ जोड़ना मुश्किल है। हालांकि, ब्लॉकचेन के साथ कॉस्ट भी शामिल है। फाइनेंशियल सिस्टम में बड़ा बदलाव करने से पहले इस कॉस्ट को भी कम करने की जरूरत होगी। कुछ ग्लोबल फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस ने इसे लेकर कदम बढ़ाया है और वे ब्लॉकचेन के इस्तेमाल से फॉरेन करेंसी ट्रेड्स का सेटलमेंट कर रहे हैं। रेगुलेटर्स को भी नई टेक्नोलॉजी के साथ ढलने के लिए समय की जरूरत होगी। यूरोपियन यूनियन और ब्रिटन ने मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर में DLT का परीक्षण शुरू किया है। ऐसा अनुमान है कि सेटलमेंट जैसे कार्यों के लिए ब्लॉकचेन का इस्तेमाल करने से कॉस्ट की काफी बचत हो सकती है। 

भारतीय एक्सचेंजों में क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें

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