पिछले सप्ताह अमेरिका में प्रेसिडेंट के चुनाव में Donald Trump की जीत के बाद से क्रिप्टो मार्केट में तेजी है। मार्केट वैल्यू के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin ने सोमवार को 81,000 डॉलर से अधिक का नया हाई लेवल बनाया है। इंटरनेशनल एक्सचेंजों पर बिटकॉइन का प्राइस लगभग तीन प्रतिशत बढ़कर लगभग 81,500 डॉलर और भारतीय एक्सचेंजों पर लगभग 81,709 डॉलर का था।
हालांकि,
Ether में एक प्रतिशत से कम की गिरावट थी। इसका प्राइस इंटरनेशनल एक्सचेंजों पर लगभग 3,170 डॉलर और भारतीय एक्सचेंजों पर लगभग 3,306 डॉलर का था। USD Coin, Ripple, Cardano, Tron, Near Protocol, Cronos, Stellar और Polygon के प्राइसेज बढ़े हैं। पिछले एक दिन में क्रिप्टो का मार्केट कैपिटलाइजेशन 1.42 प्रतिशत बढ़कर लगभग 2.73 लाख करोड़ डॉलर पर था।
क्रिप्टो एक्सचेंज BuyUcoin के CEO, Shivam Thakral ने Gadgets360 को बताया, "अमेरिका में प्रेसिडेंट के चुनाव में डॉनल्ड ट्रंप की जीत और क्रिप्टो का समर्थन करने वाले उम्मीदवारों के कांग्रेस में पहुंचने से बिटकॉइन ने 81,000 डॉलर से अधिक का उच्च स्तर छुआ है। इस राजनीतिक बदलाव से क्रिप्टो मार्केट के लिए रेगुलेटरी स्थिति बेहतर होने और कम पाबंदियों की संभावना बढ़ी है। इनवेस्टर्स को इस सेगमेंट में लॉन्ग-टर्म में ग्रोथ और स्थिरता की उम्मीद है।"
हालांकि, पूर्व में ट्रंप ने क्रिप्टोकरेंसीज को एक स्कैम भी बताया था। इसके बाद प्रेसिडेंट के पद के लिए दोबारा चुनावी मैदान में उतरने के बाद उन्होंने डिजिटल एसेट्स का समर्थन करना शुरू कर दिया था। उन्होंने अमेरिका को दुनिया की क्रिप्टो राजधानी बनाने का भी वादा किया था। ट्रंप ने इस सेगमेंट के लिए सख्त रेगुलेशन नहीं बनाने और
बिटकॉइन का रिजर्व तैयार करने का भी संकेत दिया था। अमेरिका में क्रिप्टो मार्केट में इनवेस्टमेंट करने वालों की बड़ी संख्या है। ट्रंप की जीत में इन इनवेस्टर्स का भी योगदान होने का अनुमान है। इस वर्ष सितंबर में ट्रंप ने एक क्रिप्टोकरेंसी बिजनेस की भी शुरुआत की थी। ट्रंप, उनके परिवार और सहयोगियों ने World Liberty Financial को लॉन्च किया था। पिछले कुछ वर्षों में क्रिप्टो से जुड़े स्कैम के मामले भी बढ़े हैं। इस सेगमेंट के लिए पॉलिसी बनने से स्कैम के मामलों में भी कमी हो सकती है। हाल ही में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ( RBI) ने क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर दोबारा चेतावनी दी थी। इसके साथ ही क्रिप्टोकरेंसीज को वित्तीय और मॉनेटरी स्थिरता के लिए बड़ा जोखिम बताया था।