इस हफ्ते की शुरुआत से क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें नीचे आना शुरू हो गई थीं और टोकन लगातार बढ़त हासिल करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। आज, यानि 12 मई को गुरूवार के दिन भारतीय एक्सचेंज कॉइन स्विच कुबेर के अनुसार, बिटकॉइन में 9 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई है। खबर लिखने के समय तक भारत में बिटकॉइन की कीमत $31,119 (लगभग 23.3 लाख रुपये) पर थी। ग्लोबल एक्सचेंज्स पर दुनिया की सबसे पुरानी क्रिप्टोकरेंसी को इससे भी अधिक नुकसान हुआ है। Binance और Coinbase जैसे ग्लोबल प्लेटफॉर्म्स पर बिटकॉइन की कीमत $28,625 (लगभग 22 लाख रुपये) पर ट्रेड कर रही थी।
ईथर को आज नुकसान ज्यादा उठाना पड़ा है। ओपनिंग में ही दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी को 13.87 प्रतिशत की गिरावट झेलनी पड़ी। खबर लिखे जाने तक ईथर की कीमत $2,163 (लगभग 1.65 लाख रुपये) पर ट्रेड कर रही थी।
Tether,
USD Coin और
Binance USD जैसे स्टेबल कॉइन्स को हल्का फायदा हुआ जो कि बहुत मामूली है। इन्हें छोड़कर
गैजेट्स 360 क्रिप्टो प्राइस चार्ट में कोई ऐसा ऑल्टकॉइन नहीं था जो हरे रंग में दिखाई दे रहा हो।
Dogecoin और
Shiba Inu को आज भारी नुकसान हुआ है। SHIB में 30 प्रतिशत की बड़ी गिरावट आई है और DOGE को 27 प्रतिशत का घाटा हुआ है।
CoinMarketCap के डेटा के अनुसार, वर्तमान में ग्लोबल क्रिप्टोमार्केट कैपिटलाइजेशन $1.17 ट्रिलियन (लगभग 91,01,968 करोड़ रुपये) पर है। फिलहाल चल रही मंदी की लहर के बीच मार्केट के जानकार उम्मीद कर रहे हैं कि कीमतें एक बार फिर से उछाल मारेंगीं।
CoinDCX रिसर्च टीम ने गैजेट्स 360 को बताया कि कंडक्टिव रेगुलेशन केवल यूजर्स को ही खतरे से नहीं बचाता है, बल्कि यह क्रिप्टोकरेंसी जैसी नव-निर्मित मार्केट की ग्रोथ को भी सुनिश्चित करता है। इसके अलावा यह उभरती टेकनोलॉजी जैसे Web3 के लिए भी समान भूमिका अदा करता है। टीम ने कहा कि अभी दुनिया के और भी अधिक देश क्रिप्टो रेगुलेशन को अपनाएंगे।
इस बीच, क्रिप्टो से जुड़ी फर्में लगातार अपनी सर्विसेज के दायरे को बढ़ाने के लिए फंड जुटा रही हैं। उदाहरण के लिए, KuCoin ने हाल ही में 150 मिलियन डॉलर (लगभग 1,158 करोड़ रुपये) का फंड Circle Ventures और Jump Crypto से जुटाया है। क्रिप्टोकरेंसी के लिए फर्मों का ये आत्मविश्वास ही मार्केट में फिर से उछाल की उम्मीद भी जगाता है।