मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin के प्राइस में बड़ी गिरावट आई है। यह जुलाई के बाद से पहली बार 19,000 डॉलर से नीचे चला गया है। पिछले एक दिन में इसका प्राइस 5 प्रतिशत से अधिक घटा है। ग्लोबल क्रिप्टो एक्सचेंजों पर यह 19,000 डॉलर से नीचे है जबकि CoinSwitch और CoinDCX जैसे भारतीय एक्सचेंजों पर यह लगभग 20,582 डॉलर पर है, जो मंगलवार से लगभग 1.5 प्रतिशत की गिरावट है।
CoinMarketCap और Binance जैसे ग्लोबल एक्सचेंजों पर बिटकॉइन का प्राइस 18,704 डॉलर पर है। बिटकॉइन ने पिछले वर्ष नवंबर में 67,000 डॉलर से अधिक का हाई बनाया था। दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Ether के प्राइस में भी कमी हुई है।
ब्लॉकचेन के अपग्रेड 'Merge' से पहले इसका प्राइस घटने का कोई स्पष्ट कारण नहीं दिख रहा। भारतीय एक्सचेंजों पर इसका प्राइस 1,647 डॉलर और ग्लोबल एक्सचेंजों पर लगभग 1,508 डॉलर का था। इसकी वैल्यू में पिछले एक दिन में 8.16 प्रतिशत की कमी हुई है। इस अपग्रेड में Ethereum के डिवेलपर्स इसके माइनिंग प्रोटोकॉल की प्रूफ-ऑफ-वर्क (PoW) सिस्टम से प्रूफ-ऑफ-स्टेक (PoS) पर दोबारा कोडिंग कर रहे हैं। इससे Ethereum की एनर्जी की खपत बहुत कम होने की संभावना है। इस ब्लॉकचेन पर 100 अरब डॉलर से अधिक के डीसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस (DeFi) ऐप्स को सपोर्ट मिलता है और इस वजह से अपग्रेड को लेकर सतर्कता बरती जा रही है।
Gadgets 360 के क्रिप्टोकरेंसी
प्राइस ट्रैकर से पता चलता है कि पिछले एक दिन में अधिकतर बड़े ऑल्टकॉइन्स में काफी गिरावट हुई है। क्रिप्टो का मार्केट कैपिटलाइजेशन भी लगभग 5.43 प्रतिशत घट गया है। Solana, Monero, Polkadot, TRON, BNB और Polygon के प्राइसेज टूटे हैं।
मीम कॉइन्स Shiba Inu और Dogecoin में भी भारी गिरावट रही। Shiba Inu का प्राइस 5.37 प्रतिशत घटकर $0.000012 और Dogecoin का 7.69 प्रतिशत गिरकर $0.06 पर था। क्रिप्टो मार्केट में पिछले कुछ महीनों से स्लोडाउन और कुछ अन्य कारणों से बिकवाली हो रही है। इससे क्रिप्टोकरेंसीज के प्राइसेज में काफी गिरावट आई है और इनवेस्टर्स को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। बहुत से देशों में रेगुलेटर्स ने भी इस मार्केट को लेकर सतर्कता बरतने की सलाह दी है। चीन जैसे देशों ने क्रिप्टोकरेंसीज की ट्रेंडिंग पर बंदिशें लगाई हैं। इलेक्ट्रिसिटी की अधिक खपत के कारण क्रिप्टो माइनिंग का विरोध भी किया जा रहा है।