इस महीने की शुरुआत से क्रिप्टोकरेंसीज के लिए मुश्किलें रही हैं। मार्केट में वोलैटिलिटी का असर इनके प्राइसेज पर भी पड़ रहा है। मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin के प्राइस में मंगलवार को लगभग 0.75 प्रतिशत की गिरावट के साथ शुरुआत हुई। क्रिप्टो एक्सचेंज CoinSwitch Kuber पर यह 19,748 डॉलर पर ट्रेड कर रहा था। हालांकि, इंटरनेशनल एक्सचेंज Coinbase पर इसका प्राइस लगभग 0.96 प्रतिशत बढ़कर लगभग 20,132 डॉलर पर था।
बिटकॉइन ने पिछले वर्ष नवंबर में 67,000 डॉलर से अधिक का हाई बनाया था। दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Ether का प्राइस बढ़ रहा है। Gadgets 360 के
प्राइस ट्रैकर के अनुसार, यह लगभग 3.73 प्रतिशत चढ़कर लगभग 1,634 डॉलर पर था। इसके प्राइस में तेजी का बड़ा कारण जल्द ही इस
ब्लॉकचेन के अपग्रेड Merge का रिलीज होना है। इस अपग्रेड में Ethereum के डिवेलपर्स इसके माइनिंग प्रोटोकॉल की प्रूफ-ऑफ-वर्क (PoW) सिस्टम से प्रूफ-ऑफ-स्टेक (PoS) पर दोबारा कोडिंग कर रहे हैं। इससे Ethereum की एनर्जी की खपत बहुत कम होने की संभावना है। इस ब्लॉकचेन पर 100 अरब डॉलर से अधिक के डीसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस (DeFi) ऐप्स को सपोर्ट मिलता है और इस वजह से अपग्रेड को लेकर सतर्कता बरती जा रही है। अपग्रेड से stETH कहे जाने वाले क्रिप्टो डेरिवेटिव टोकन के इनवेस्टर्स को भी राहत मिल सकती है।
क्रिप्टो मार्केट का प्राइस चार्ट आधे में विभाजित दिख रहा था। बहुत से ऑल्टकॉइन्स में बिटकॉइन के समान गिरावट थी और बाकी Ether के साथ बढ़े हुए थे। Tether, USD Coin, Shiba Inu, Tron और Binance USD के प्राइस नीचे थे। हालांकि, Binance Coin, Ripple, Solana और Polygon में तेजी थी।
वोलैटिलिटी के बीच क्रिप्टो का मार्केट कैपिटलाइजेशन एक लाख करोड़ डॉलर से कम है। CoinMarketCap के अनुसार, ग्लोबल क्रिप्टो मार्केट की वैल्यू लगभग 0.62 प्रतिशत बढ़कर 988 अरब डॉलर से कुछ अधिक की थी। क्रिप्टो का मार्केट कैपिटलाइजेशन इस वर्ष लगभग एक-तिहाई घटा है। इससे इनवेस्टर्स के साथ ही इस सेगमेंट से जुड़ी फर्मों को भी भारी नुकसान हुआ है। बहुत से देशों में रेगुलेटर्स ने भी इस मार्केट को लेकर सतर्कता बरतने की सलाह दी है। चीन जैसे देशों ने क्रिप्टोकरेंसीज की ट्रेंडिंग पर बंदिशें लगाई हैं। इलेक्ट्रिसिटी की अधिक खपत के कारण क्रिप्टो माइनिंग का विरोध भी किया जा रहा है।