मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin का प्राइस वर्ष 50,000 डॉलर और अगले वर्ष के अंत तक 1,20,000 डॉलर पर पहुंच सकता है। इंटरनेशनल बैंक Standard Chartered का मानना है कि बिटकॉइन में हाल की तेजी से इसकी माइनिंग करने वाले सप्लाई को रोक सकते हैं।
हालांकि, इससे पहले Standard Chartered ने अगले वर्ष के अंत तक
बिटकॉइन के एक लाख डॉलर तक पहुंचने का अनुमान दिया था। इसका कहना था कि क्रिप्टो मार्केट में मंदी का दौर बीत चुका है। Standard Chartered के प्रमुख FX एनालिस्ट्स में शामिल Geoff Kendrick ने कहा कि इस अनुमान में 20 प्रतिशत की तेजी आ सकती है। एक रिपोर्ट में Geoff ने बताया, "प्रति बिटकॉइन की माइनिंग में प्रॉफिट बढ़ने से माइनर्स कम बिक्री कर कैश फ्लो को बरकरार रख सकते हैं। इससे बिटकॉइन की सप्लाई घटेगी और इसके प्राइसेज में तेजी आएगी।
बिटकॉइन का प्राइस 30,200 डॉलर से कुछ अधिक है। यह नवंबर 2021 में इसके 69,000 डॉलर के पीक लेवल से आधे से भी कम है। पिछले वर्ष
क्रिप्टो मार्केट में अरबों डॉलर का नुकसान हुआ था। इसके पीछे सेंट्रल बैंकों की ओर से इंटरेस्ट रेट्स में बढ़ोतरी और क्रिप्टो एक्सचेंज FTX जैसी इस सेगमेंट की बहुत सी फर्मों का दिवालिया होना बड़े कारण थे। इस वर्ष कुछ बैंकों के भारी घाटे की वजह से कारोबार समेटन से इस मार्केट में दोबारा गिरावट आई थी। स्टैंडर्ड चार्टर्ड का कहना है कि बिटकॉइन के प्राइस में बढ़ोतरी की वजह माइनर्स के अपनी कॉस्ट को पूरा करने के लिए कम बिक्री करना होगी। इनकी कॉस्ट में पावरफुल कंप्यूटर्स को चलाने में इस्तेमाल होने वाली इलेक्ट्रिसिटी की बड़ी हिस्सेदारी होती है। Geoff ने बताया कि माइनर्स हाल तक अपने नए कॉइन्स की पूरी बिक्री कर रहे थे। अगर बिटकॉइन का प्राइस बढ़कर 50,000 डॉलर पर पहुंचता है तो वे सिर्फ 20-30 प्रतिशत की बिक्री ही करेंगे।
क्रिप्टो मार्केट के सेंटीमेंट पर पिछले महीने MicroStrategy के 37.4 करोड़ डॉलर के अतिरिक्त बिटकॉइन खरीदने की रिपोर्ट का भी असर पड़ा है। बिटकॉइन के सामने 30,750 डॉलर का रेजिस्टेंस लेवल है। हाल ही में BlackRock ने बिटकॉइन ETF के लिए फाइलिंग की है और Deutsche Bank ने क्रिप्टो कस्टडी सर्विसेज देने के लिए लाइसेंस मांगा है। इससे भी मार्केट में पॉजिटिव ट्रेंड बना है। बहुत से देशों में क्रिप्टोकरेंसीज के लिए रेगुलेशंस बनाए जा रहे हैं। इससे क्रिप्टो मार्केट में इनवेस्टर्स की संख्या बढ़ सकती है।